2018-07-10 16:35:00

पश्चिमी देशों को उदासीन नहीं होना चाहिए, कार्डिनल साको


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 10 जुलाई 2018 (जेनित)˸ ईराक के खलदेई काथलिक कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष कार्डिनल लुईस रफाएल प्रथम साको ने 7 जुलाई को ख्रीस्तीय एकता मिलन समारोह में अपील की कि पश्चिम को उदासीन नहीं हो जाना चाहिए।

संत पापा फ्राँसिस ने 7 जुलाई को मध्यपूर्व में शांति बहाल हेतु विभिन्न ख्रीस्तीय धर्म गुरूओं के साथ प्रार्थना एवं चिंतन में भाग लेने हेतु बारी की यात्रा की थी।   

कार्डिनल ने जेनित के पत्रकारों से ख्रीस्तीय एकता प्रार्थना सभा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "मैं सर्वप्रथम कहना चाहूंगा कि वहाँ विभिन्न कलीसियाओं के धर्मगुरूओं एवं प्रतिनिधियों के बीच एकता दिखाई पड़ी। यह एकता तब एक हकीकत बन गयी थी जब सभी धर्मगुरू एक ही बस में सवार थे और लोग "एकता, एकता" का नारा लगा रहे थे।" उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा महसूस हुआ, मानो कि वे सभी संत पेत्रुस की नाव पर सवार थे। उन्होंने कहा कि यह सभा अपने आपमें ही एक संदेश है, पूरे विश्व के लिए और खासकर, उन विश्वासियों के लिए जो पीड़ित हैं। उन्होंने विश्वासियों से कहा, "हम आपके करीब हैं हम आपकी चिंता करते हैं। हम सभी आपकी सेवा में हैं।"

संत पापा ने बारी में अपने संदेश में सभी धर्मगुरूओं की बुलाहट पर जोर देते हुए कहा था कि हम एक चरवाहे के रूप में लोगों को मानवीय एवं आध्यात्मिक सामीप्य प्रदान करें।  

मध्यपूर्व की समस्याओं एवं ख्रीस्तीयों के पलायन पर बातें करते हुए आपको लज्जा का अनुभव नहीं हुआ?

इस सवला के उत्तर में कार्डिनल ने कहा कि उन्होंने वहाँ सब कुछ पर बातें कीं खासकर, कलीसिया के निर्माण, उसकी कठिनाईयों एवं पीड़ाओं पर। कलीसिया जो प्रार्थना करती है वह विश्वास्त है वह आशा करती है किन्तु वह लोगों की सेवा में भी समर्पित है। उन्होंने कहा कि उसी प्रकार वे भी आशा से पूर्ण हूँ तथा उसी शक्ति के साथ वापस जा रहा हूँ।  

आप ईराक में अपने विश्वासियों को क्या बतलायेंगे?

कार्डिनल साको- मैं उन्हें सभा एवं कलीसियाओं के धर्मगुरूओं के बीच एकता के बारे बतलाऊँगा। मुझे अब पूरा यकीन हो गया है कि हम विश्वास में एक हैं। सांस्कृतिक और भौगोलिक विविधताएँ अवश्य हैं जो कि सामान्य है क्योंकि सुसमाचार का संदेश विभिन्न संस्कृतियों के संस्कृतिकरण के द्वारा डाला गया है। किन्तु मूल रूप से हम सभी एक हैं। कार्डिनल ने कहा कि वे उन्हें बतलायेंगे कि वे उनके करीब हैं उनकी सेवा में समर्पित हैं चाहे उन्हें शहादत ही झेलना क्यों न पड़े।

क्या आपको आज मध्यपूर्व की कलीसिया के भविष्य पर अधिक विश्वास है?

कार्डिनल साको- मुझे विश्वास है कि वहाँ सुसमाचार का भविष्य है। समस्याएँ हैं किन्तु सुसमाचार नमक एवं दीपक की तरह है जैसा कि येसु ने कहा है। छोटी कलीसिया ही सही किन्तु इसका प्रभाव एवं शक्ति संख्या पर निर्भर नहीं करती किन्तु इसके साक्ष्य पर निर्भर करती है। लोगों के विश्वास की दृढ़ता का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, "आप कल्पना कर सकते हैं कि एक ही रात में करीब 120,000 लोग अपना सब कुछ छोड़कर घर से भाग जाते हैं। वे विश्वासी हैं जिनके प्रति पश्चिमी देशों को उदासीन नहीं होना चाहिए।"








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