2018-07-06 14:21:00

जलवायु संकट पर सम्मेलन के प्रतिभागियों के कार्यों को संत पापा ने दी प्रोत्साहन


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 6 जुलाई 2018 (रेई)˸ संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 6 जुलाई को प्रेरितिक विश्व पत्र लौदातो सी के प्रकाशन की तीसरी वर्षगाँठ पर समग्र मानव विकास को प्रोत्साहन देने हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद के तत्वधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के 300 प्रतिभागियों से वाटिकन के क्लेमेटीन सभागार में मुलाकात की तथा उन्हें सम्बोधित किया।

संत पापा ने कहा, "मैं आप सभी को अपने हृदय से पृथ्वी एवं इसके गरीबों के रूदन को सुनने हेतु एक साथ आने के लिए धन्यवाद देता हूँ। आप प्रेरितक पत्र से प्रेरित होकर बदलाव हेतु उसके आह्वान एवं पारिस्थितिक परिवर्तन की आवश्यकता का प्रत्युत्तर देने के लिए एकत्रित हैं। आपकी उपस्थिति ग्रह और जीवन की रक्षा एवं इसकी देखभाल के प्रति आपकी प्रतिबद्धता का चिन्ह है जो परस्पर एक-दूसरे से जुड़ा है।

संत पापा ने उन्हें संत फ्राँसिस असीसी का स्मरण दिलाते हुए कहा कि हम उनकी बुलाहट पर चिंतन करें जिसको उन्होंने प्रभु से संत दमियानो गिरजाघर की मरम्मत करने रूप में पाया था, "जाओ और मेरे घर की मरम्मत करो।" संत पापा ने कहा कि आज पृथ्वी की मरम्मत किये जाने की अति आवश्यकता है ताकि भविष्य के लिए इसे सुरक्षित रखा जा सके।

उन्होंने सरकारों से अपील की कि वे 2015 के पेरिस समझौते के प्रति प्रतिबद्धता का सम्मान करें ताकि जलवायु परिवर्तन के दुर्गामी परिणामों से बचा जा सके। उन्होंने कहा, "कोप 24 शिखर सम्मेलन," समझौता द्वारा "निर्धारित मार्ग पर एक मील का पत्थर साबित हो सकता है"।

संत पापा ने सितम्बर माह में संत फ्रांचेस्को में आगामी वैश्विक जलवायु कार्य शिखर सम्मेलन का जिक्र करते हुए नागरिकों से अपील की कि वे इसका समर्थन करें। उन्होंने कहा कि समस्या एवं समाधान में वित्तीय संस्थाओं की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।

ये सभी कार्यों के लिए गहरे स्तर पर बदलाव की आवश्यकता है खासकर, मन और हृदय के परिवर्तन की। उन्होंने संत पापा जॉन पौल की "पारिस्थितिक रूपांतरण" हेतु आह्वान का हवाला देते हुए उसे समाप्त करने हेतु कार्य करने के लिए, धर्मों और विशेष रूप से ख्रीस्तीय धर्मावलम्बियों की भूमिका पर जोर दिया।

अंततः उन्होंने युवाओं तथा आदिवासियों के लिए स्थान बनाने के महत्व पर बल दिया ताकि अभिन्न पारिस्थितिकी को बढ़ावा देने के प्रयास को बल मिल सके। उन्होंने कहा कि अक्टूबर को आगामी धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के केंद्र में युवाओं को रखा गया है जबकि पान अमेजन के धर्माध्यक्ष 2019 में मिलेंगे।

अपने सम्बोधन के अंत में संत पापा ने स्वीकार किया कि चुनौतियों की कमी नहीं है। उन्होंने सम्मेलन के प्रतिभागियों को सृष्टि की देखभाल हेतु उनके प्रयासों लिए धन्यवाद दिया ताकि नयी पीढ़ी को बेहतर भविष्य प्रदान किया जा सके। उन्होंने उन्हें सलाह दी कि वे बदलाव लाने के इस कार्य को जारी रखें।








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