2018-07-04 15:43:00

अमेरिकी धर्माध्यक्ष : आप्रवासन संकट में 'कोई दुर्जन' नहीं है


वाटिकन सिटी, बुधवार 4 जुलाई 2018 (वाटिकन न्यूज) : अमेरिकी धर्माध्यक्षों की एक टीम ने मेक्सिको की सीमा पर अमेरिका में प्रवेश करने वाले प्रवासियों को सेवाएं प्रदान करने वाले कर्मियों के केंद्रों और संरचनाओं का दो दिनों तक दौरा किया। सोमवार को उन्होंने काथलिक चारिटी के रियो ग्रांडे वाल्ले के मानवतावादी सहायता केंद्र की यात्रा की। अगले दिन उन्होंने बच्चों के लिए सरकार संचालित पुनर्वास केंद्र, ‘कासा पाद्रे’ सेंटर का दौरा किया। वहां उन्होंने करीब 250 बच्चों से मुलाकात की और उनके साथ पवित्र यूखारिस्त समारोह मनाया। बाद में उन्होंने एक ऐसे केंद्र का दौरा किया जहां प्रवासियों के प्रवेश करने के लिए कागजी कार्यवाही शुरु की जाती है।

'कोई दुर्जन' नहीं

अमेरिकी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल डैनियल डिनार्डो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह प्रेरितिक दौरा था। दो दिनों का दौरा अच्छा और कभी-कभी दर्दनाक भी था। उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें चुनौतियां मिली हैं, उन्हें हर साइट पर लोगों का सहयोग मिला और सभी कर्मचारी उदार और सहायक थे।

स्थानों का दौरा करने के बाद उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि वहाँ कोई 'कोई दुर्जन' नहीं है। जिन बच्चों को उनके परिवारों से अलग किया गया था, उनके माता-पिता को फिर से मिलाना होगा। जो पहले ही शुरू हो चुका है ...और इसके लिए हमें खुशी है...लेकिन यह निश्चित रूप से अभी तक समाप्त नहीं हुआ है, और जटिलताएं आ सकती हैं, लेकिन जितना जल्दी हो सके बच्चों को अपने परिवार से मिलाना बहुत जरुरी है।

बच्चों को मिलाने की प्राथमिकता

अमेरिकी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के उपाध्यक्ष और लॉस एंजिल्स के महाधर्माध्यक्ष होसे गोमेज़ ने कहा कि उनके लिए बच्चों को अकेला देखना मुश्किल था। "वहां उनके साथ रहना और उनकी मदद करना और उन्हें कुछ आशा देना हमारे लिए एक विशेष अनुग्रह था"। महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि पवित्र मिस्सा के दौरान, उन्होंने ईश्वर की उपस्थिति पर बात की और बच्चों को एक-दूसरे की मदद करने के लिए प्रोत्साहित किया। 2 दिवसीय यात्रा के बाद उनकी प्राथमिक चिंता भी कार्डिनल डिनार्डो की तरह ही थी: "मेरा पहला विचार परिवारों को मिलाने की तात्कालिक आवश्यकता ....इन बच्चों को अपने माता-पिता के साथ मिलाना बहुत महत्वपूर्ण है। " महाधर्माध्यक्ष ने यह कहकर समाप्त किया कि वे परिवारों के एकीकरण में काथलिक चीरिटी और यूएससीसीबी के प्रयासों को देखकर काफी प्रभावित हुए।








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