वाटिकन सिटी, मंगलवार, 3 जुलाई 2018 (रेई)˸ संत पापा फ्राँसिस ने मंगलवार 3 जुलाई को मैंगलोर के प्रेरितिक प्रशासक मोनसिन्योर अलोइसियुस पौल डीसूजा का इस्तीफा स्वीकार किया तथा माननीय दू साक. पौल सालदानहा को मैंगलोर का नया धर्माध्यक्ष नियुक्त किया जो इस समय रोम स्थित परमधर्मपीठीय उर्बनियन विश्वविद्यालय में ईशशास्त्र के प्रोफेसर हैं।
नवनियुक्त धर्माध्यक्ष दू साक. पौल सालदानहा का जन्म 27 अप्रैल 1964 को किन्नीगोली (मैंगलोर धर्मप्रांत) में हुआ था। उन्होंने ईशशास्त्र एवं दर्शनशास्त्र का अध्ययन, संत जोसेफ सेमिनरी जेप्पू मैंगलोर से किया। उर्बनियन विश्व विद्यालय रोम से उन्होंने ईशशास्त्र में डॉक्ट्रेट की उपाधि हासिल की तथा उन्होंने मनोविज्ञान एवं प्रशिक्षण में बैंगलोर से डिप्लोमा भी प्राप्त की है। उनका पुरोहिताभिषेक 6 मई 1991 को मैंगलोर धर्मप्रांत के लिए हुआ।
पुरोहिताभिषेक के बाद उन्होंने निम्नलिखित क्षेत्रों में अपनी सेवायें दी-
1991-1992: मूदूबेल्ले में संत लौरेंस पल्ली के पल्ली विकर।
1992-1994: मिलाग्रेस में चंगाई की माता मरियम पल्ली के पल्ली विकर।
1994-1996: वित्ताल स्थित दुःखों की माता मरियम पल्ली के पल्ली विकर।
1996-1999: जेप्पु संत जोसेफ सेमिनरी के प्राध्यापक एवं प्रशिक्षक।
1997-1999: जेप्पु संत जोसेफ सेमिनरी के उप-प्राचार्य।
2005-2010: जेप्पू में संत जोसेफ सेमिनरी के प्राध्यापक।
2008-2010: जेप्पू में संत जोसेफ सेमिनरी के उप-प्राचार्य।
2010 से अब तक रोम स्थित परमधर्मपीठीय उर्बनियन विश्व विद्यालय में
डॉगमैटिक धर्मशास्त्र के प्राध्यापक हैं।
2011-2015: रोम में परमधर्मपीठीय उर्बनियन विश्वविद्यालय में प्राध्यापक के साथ- साथ उन्हें प्रोपागंडा फिदेई के आध्यात्मिक संचालक नियुक्त किया गया।
2015: से परमधर्मपीठीय उर्बनियन विश्वविद्यालय में सह-प्राध्यापक।
मार्च 2015 को वे धर्माध्यक्षीय धर्मसभा में महा सचिवालय के सलाहकार नियुक्त हुए। जुलाई 2015 में ही वे धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के 14वें आम सभा में सहायक विशेष सचिव नियुक्त किये गये।
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