2018-07-03 17:50:00

बारी में, "सच्चा ख्रीस्तीय एकतावर्धक सांस"


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 3 जुलाई 2018 (वाटिकन न्यूज)˸ बारी-बितोंतो के महाधर्माध्यक्ष काकूची के लिए संत पापा फ्राँसिस की इच्छा पर 7 जुलाई को मध्यपूर्व में शांति हेतु अंतर कलीसियाई प्रार्थना एवं चिंतन का एक विश्वव्यापी प्रभाव एवं असाधारण महत्व का ऐतिहासिक मूल्य है।  

उन्होंने कहा, "कुछ दिनों के बाद संत पापा फ्राँसिस कई कलीसियाओं के धर्मगुरूओं एवं मध्यपूर्व के कलीसियाई समुदायों के साथ बारी जायेंगे, जैसा कि संत पापा ने स्वयं रविवार को देवदूत प्रार्थना के उपरांत कहा है। हम प्रार्थना एवं चिंतन में भाग लेंगे।"   

उन्होंने कहा, "मैं कलीसियाओं के बीच ख्रीस्तीय एकतावर्धक दृष्टि को लाने की क्षमता का उल्लेख करता हूँ तथा खास ध्यान मध्यपूर्व की ओर देना चाहता हूँ ताकि शांति की कामना की जा सके, किन्तु हम उन ख्रीस्तीय भाइयों का भी साथ दे सकें जो दुःख सहते हुए जी रहे हैं और यह न केवल ख्रीस्तीय भाइयों का सवाल है किन्तु यह हमारी कलीसिया तथा काथलिक जगत से भी जुड़ी है ताकि हम सच्चा ख्रीस्तीय एकतावर्धक सांस ले सकें।

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि ख्रीस्तीय एकतावर्धक आंदोलन एक यात्रा नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं हमेशा इस बात पर जोर देता हूँ कि द्वितीय वाटिकन महासभा के तुरन्त बाद समकालीन महाधर्माध्यक्ष मोनसिन्योर निकोदेमुस, संत निकोलास के क्रिप्ट को एक प्रार्थनालय के साथ ऑर्थोडॉक्स कलीसिया के लिए खोलने हेतु लौटे। यह विश्व के लिए इस तरह का पहला कार्य था। इस तरह लगातार वार्ता के द्वारा दूसरे ख्रीस्तीय समुदायों के साथ यात्रा आगे बढ़ा। सबसे बढ़कर पूर्वी जगत में जो संत निकोलास के अवशेष को सम्मान देने हमेशा आते हैं। रूसी ऑर्थोडोक्स कलीसिया के ख्रीस्तीय भी भारी संख्या में यहाँ आते हैं। अनेक एवंजेलिकल एवं अंगलिकन कलीसियाओं के विश्वासी इस तीर्थस्थल पर आते हैं।  

विभिन्न समुदायों के बीच किस तरह के संबंध हैं?

7 जुलाई को अन्य समुदायों के लोग भी उपस्थित होंगे जो पूरे उत्साह के साथ इस अवसर में भाग लेंगे। उन्होंने कहा, अन्य समुदायों के भाइयों के साथ हमारी मुलाकात लगातार होती रहती है। मैंने विभिन्न कलीसियाओं के प्रतिनिधियों की एक सभा में भाग लिया क्योंकि यह न केवल बारी की स्थानीय कलीसिया के लिए है किन्तु पूरे क्षेत्र के लिए है।








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