2018-06-27 16:11:00

दक्षिण सूडान नेताओं द्वारा शांति के लिए फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर


खारतूम, बुधवार 27 जून 2018 (वाटिकन न्यूज) : परमधर्मपीठ और संयुक्त राष्ट्र मानवअधिकार संगठन द्वारा स्थिरता और शांति के मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक राजनीतिक समाधान की लगातार मांग पर, दक्षिण सूडान के राष्ट्रपति सालवा कीर और विद्रोही नेता रीक मचार देश में साढ़े चार साल के गृह युद्ध को समाप्त करने के लिए एक समझौते पर पहुंचे।

सुडान के राष्ट्रपति उमर अल-बशीर और युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मूसवेनी द्वारा पहल किये गये वार्ता में दक्षिण सूडान के राष्ट्रपति सालवा कीर और रिक मचार दो प्रतिद्वंद्वी नेताओं ने सोमवार को खारतूम में मुलाकात की।

वे विश्व के सबसे युवा राष्ट्र की अनेक समस्याओं और विवादों पर बात करते हुए समझौते पर पहुंचे।

हिंसा और मानवीय संकट को बढ़ावा

दक्षिण सूडान ने 7 साल पहले आजादी हासिल की थी और केवल दो साल ही शांति का आनंद लिया था कि राष्ट्रपति कीर द्वारा अपने उप राष्ट्रपति रिक मचार को बर्खास्त कर दिए जाने के बाद क्रूर आंतरिक संघर्ष शुरु हुआ। जातीय और जनजातीय मतभेदों ने कीर और मचार के बीच समस्याओं को और बढ़ा दिया था।

हिंसा में हजारों लोग मारे गए हैं और लाखों लोगों को अपने घरों से भागने को मजबूर होना पड़ा है जिसके परिणाम स्वरूप इसे दुनिया का सबसे विनाशकारी मानवतावादी संकट के रूप में वर्णित किया जा रहा है।

समझौते के तर्क

अधिकारियों ने कहा कि कीर और मचार एक स्थायी युद्धविराम के साथ-साथ इगाद और अफ्रीकी संघ के नेतृत्व में सभी बलों की योजना अनुसार देश में तीन राजधानी शहरों के प्रस्ताव के लिए सहमत हुए हैं, अर्थात् जुबा, वाउ और मलाकल तीन प्रस्तावित शहरों में अस्थायी तौर पर तीन उप राष्ट्रपतियों के हाथों शासन व्यवस्था होगी।

हस्ताक्षर किए गए फ्रेमवर्क समझौते के मुताबिक, दो प्रतिद्वंद्वियों ने खारतुम सरकार को जुबा प्रशासन के समन्वय में दक्षिण सूडान में तेल क्षेत्रों को सुरक्षित करने और उत्पादन के पिछले स्तर को बहाल करने के लिए कुओं के पुनर्वास के लिए अनुमति देने हेतु सहमति व्यक्त की।

संत पापा की चिंता

संत पापा फ्राँसिस ने दक्षिण सूडान के प्रति अपनी चिंता व्यक्त करते हुए बार-बार लोगों से प्रार्थनाओं की विशेष मांग की थी और उन्होंने संघर्ष को समाप्त करने में मदद करने के लिए देश की एक सार्वभौमिक तीर्थयात्रा करने के अपने इरादे की घोषणा भी की थी। परंतु उनकी सुरक्षा को देखते हुए यात्रा को रोक दिया गया था, लेकिन वाटिकन कूटनीति शांति की तलाश में काम करती रही है, जबकि काथलिक कलीसिया आश्रय, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा के क्षेत्र में दक्षिण सूडान की सहायता करना जारी रखा है।








All the contents on this site are copyrighted ©.