2018-06-19 16:50:00

मानवाधिकारों की प्राप्ति हेतु शांति महत्वपूर्ण


संयुक्त राष्ट्रसंघ, 19 जून 2018 (वाटिकन न्यूज)˸ संयुक्त राष्ट्र के लिए वाटिकन के स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष इवान युरकोविच ने 14 जून को, शांति के अधिकार पर जेनेवा में आयोजित एक कार्याशाला को सम्बोधित किया।

उन्होंने कहा, "चूंकि शांति प्राप्त करने का अधिकार सभी को है सभी राष्ट्रों को एक सतत शांति का मार्ग खोजने के लिए अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारी को पूरा करने का प्रयास करना चाहिए जो "सक्रिय, सहभागिता प्रक्रिया में शामिल न्याय का फल है जहां संवाद को प्रोत्साहित किया जाता है और पारस्परिक समझदारी और सहयोग की भावना द्वारा संघर्ष का समाधान किया जाता है ... "।

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि यह मानव अधिकार है जिसे जीवन के अधिकार और धर्म तथा विश्वास की आजादी के साथ, मानव अधिकारों की सुरक्षा और प्रचार की पूरी प्रणाली के मूल के रूप में देखा जाना चाहिए। शांति का अधिकार तथा शांति को प्रोत्साहन, सभी मानवाधिकारों को प्राप्त करने के लिए वास्तव में एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है।"

महाधर्माध्यक्ष युरकोविच ने कहा कि परमधर्मपीठ ने हमेशा बहुपक्षीय कूटनीति को उन प्रमुख स्थानों में से एक के रूप में प्रोत्साहित किया है जहां राष्ट्रों ने "सत्य, न्याय, सहर्ष सहयोग और स्वतंत्रता के निर्देशों के अनुसार" संबंधों को सुसंगत बनाने की कोशिश की है।"

शांति एवं विकास को एक-दूसरे का पूरक बतलाते हुए परमधर्मपीठ के प्रतिनिधि ने संत पापा पौल षष्ठम का हवाला देते हुए कहा, शांति केवल युद्ध की अनुपस्थिति नहीं है, "और" शांति का नया नाम विकास है।" उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को 2030 के एजेंदे में शांति हेतु सतत् विकास लक्ष्य के रूप में रखा गया है। जिसमें कहा गया है कि शांति के बिना सतत् विकास संभव नहीं है और न ही सतत् विकास के बिना शांति संभव है।  

उन्होंने कहा कि इस विकास में प्रत्येक मानव व्यक्ति को अपने प्राकृतिक गतिशीलता में एकीकृत रूप से सम्मानित करने, गर्भधारण से लेकर प्राकृतिक मौत तक, उसके साथ सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों, जिसमें व्यक्तिगत स्वतंत्रता शामिल है, मानव प्रकृति में अंकित नैतिक नियम को खोजने और पहचानने के लिए बुलाया जाता है।








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