2018-06-16 15:06:00

ईश्वर के भूखे लोगों को सुसमाचार का साक्ष्य दें, संत पापा


वाटिकन सिटी, शनिवार, 16 जून 2018 (रेई)˸ संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 16 जून को वाटिकन के लोकसभा परिषद भवन में तियातिने की निष्कलंक गर्भागमन की 100 धर्मबहनों से मुलाकात की तथा उन्होंने जरूरतमंद लोगों की सेवा जारी रखने का प्रोत्साहन दिया।

संत पापा ने उन्हें कलीसिया की सेवा तथा ईश्वर के राज्य विस्तार में योगदान देने हेतु धन्यवाद दिया।

धर्मसमाज की संस्थापिका ओरसोला बेनिनकासा का स्मरण दिलाते हुए उन्होंने कहा कि वे एक चिंतनशील महिला थीं। नबी येरेमियास की तरह उन्होंने भी प्रभु के बुलावे को अनुभव किया और उनके बुलावे का प्रत्युत्तर दिया था। उन्होंने जीवन भर क्रूसित येसु के समान बनने का प्रयत्न किया और रहस्यात्मक अनुभवों को प्राप्त किया था। यूखरिस्त के प्रति प्रेम के कारण उन्होंने उसे जीवन का केंद्र एवं आध्यात्मिक भोजन बनाया था। ख्रीस्त से संयुक्त होकर वे निष्कलंक गर्भागमन के प्रकाश की ओर आकृष्ट हुईं और प्रेम के जीवन को अपनाया था। इस तरह उन्होंने लोगों की जरूरतों, खासकर, युवाओं की सहायता करने, ईश्वर की महिमा एवं आत्माओं की मुक्ति के लिए जीने हेतु अपना जीवन समर्पित किया।

संत पापा ने धर्मबहनों को प्रोत्साहन देते हुए कहा कि अपनी संस्थापिका के आदर्शों पर वे लोगों को ईश्वर का ज्ञान दें। आज दुनिया को ईश्वर के साक्ष्य की आवश्यकता है ऐसे लोगों की जरूरत है जो विश्व के लिए नमक एवं ज्योति बन सकें। आंटा में खमीर बन सकें। आज गरीब लोगों के साथ-साथ कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने जीवन के अर्थ को खो दिया है, उनका हृदय सूख गया है, वे उत्तम भोजन एवं जीवन जल के प्यासे हैं अनजाने ही वे येसु से मुलाकात करने का इंतजार कर रहे हैं। शिष्यों के समान आज येसु हमसे कह रहे हैं उन्हें कुछ खाने को दो। यदि हम पवित्र आत्मा के कार्यों लिए खुलें हैं तो वे हमें गरीबों तथा ईश्वर के लिए भूखें एवं प्यासें लोगों की पुकार का ठोस उत्तर देने में मदद देंगे। पवित्र आत्मा हमें प्रभु के सेवकों की तरह जागते रहने की शक्ति प्रदान करेंगै। ईश्वर के प्रेम की ज्योति एवं ऊष्मा उन लोगों को प्राप्त होगी जिनसे हम मुलाकात करेंगे एवं उनमें आशा का उदय होगा।

संत पापा ने उन्हें स्मरण दिलाया कि दुनिया को भ्रातृप्रेम के साक्ष्य की आवश्यकता है जो एकता की आध्यात्मिक द्वारा संचालित होता है। एक साथ रहने की आध्यात्मिकता द्वारा ताकि समुदाय की यात्रा एक पवित्र तीर्थयात्रा बन जाए। आलोचना, गपशप और बदले की भावना को दूर कर, एक दूसरे का ख्याल रखें, भौतिक वस्तुओं को आपस में साक्षा करें तथा सबसे कमजोर लोगों की कद्र करें। संस्थापिका के आदर्श वाक्य को याद करते हुए एक-दूसरे का सम्मान करें, एक-दूसरे के लिए भलाई की खोज करें इस तरह वे प्रेम की आज्ञा को अपने जीवन में जहाँ वे जीते एवं जिनके बीच काम करते हैं उनके बीच प्रकट कर सकेंगे। इस तरह वे अपने समुदाय और उससे बाहर भी एकता के निर्माता बनेंगे।

संत पापा ने प्रार्थना की कि निष्कलंक मरियम जिसकी वे विशेष भक्ति रखती हैं ख्रीस्त एवं मानवता की सेवा में उत्साही बनने हेतु कृपा के लिए प्रार्थना करे। ताकि वे सबसे कमजोर लोगों की सेवा को जारी रख सकें जैसा कि मरियम ने एलिजाबेथ की सेवा की थी।

 








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