2018-06-15 17:03:00

काम जीवन में आशा लाता तथा समाज को नवीकृत करता है


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 15 जून 2018 (रेई)˸ संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 15 जून को वाटिकन स्थित पौल षष्ठम सभागार में, इटली के मेधावी श्रमिक संघ के 600 प्रतिनिधियों से मुलाकात की तथा कहा कि काम आशा एवं प्रतिष्ठा प्रदान करता है, कार्यस्थल पर नैतिक सिद्धांतों को बनाए रखने की आवश्यकता है।

इटली के मेधावी श्रमिक वे हैं जो 50 साल से अधिक उम्र के हैं तथा कार्यस्थल पर अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन, परिश्रम और नैतिक आचरण द्वारा राष्ट्र द्वारा सम्मानित किये गये हैं।

उनके राष्ट्रीय सम्मेलन के दिन उनसे मुलाकात कर संत पापा ने कहा कि रोजगार बेहतर भविष्य की आशा प्रदान करता है तथा सार्वजनिक हित में योगदान करने की संभावना के बिना कोई खुश नहीं हो सकता है।

उन्होंने कहा, "यदि भाइयों के प्रति प्रेम का आध्यात्मिक इंधन हमारे अंदर जलता हो तो हमारा साक्ष्य सचमुच प्रभावशाली हो सकता है और उदारता के द्वारा हम पूरे विश्व को एकता के सूत्र में बांध सकते हैं। इसमें हमारा मार्गदर्शन करने के लिए येसु का आशीर्वचन हमें प्रेरणा देता है कि हम और हमारी दुनिया को उस लोगों पर अविश्वास नहीं करना अथवा उन्हें नहीं छोड़ देना चाहिए जो शांति और न्याय के भूखे होने के कारण लहरों की दया पर अपनी भूमि छोड़ देते हैं।"

यही कारण है कि एक समाज जो काम पर आधारित नहीं है, जो इसे लागू करने में बढ़ावा नहीं देता, और बेरोजगार के लिए कम परवाह करता है, उसे अत्याचार और असमानताओं के कारण कड़ी निंदा का सामना करना पड़ेगा।

संत पापा ने कहा, "इसके विपरीत, एक समाज, जो सहयोग की भावना से, प्रत्येक मूल और उम्र के हर महिला और हर पुरूष की क्षमता का अच्छा उपयोग करने की कोशिश करता है, वह सचमुच अपने पूर्ण फेफड़े से सांस ले पायेगा।" उन्होंने कहा कि ऐसा ही समाज अपनी बड़ी से बड़ी समास्या से ऊपर उठकर, ईश्वर की योजना अनुसार, मानव क्षमता अनुसार, हर किसी को अपने लक्ष्य के निर्माता में सक्षम बनायेगा।

यह दिव्य योजना मानव प्राणी एवं अन्य प्राणियों तथा प्रकृति के साथ समंजस्य पर आधारित है।

संत पापा ने वर्तमान स्थिति पर खेद प्रकट किया जहाँ कई लोग आर्थिक विकास से वंचित हैं, हिंसा एवं युद्ध से त्रस्त हैं, पर्यावरण ह्रास के कारण पीड़ित हैं तथा बिना किसी आशा एवं भविष्य के विस्थापित होकर शोषण के शिकार बन रहे हैं।

संत पापा ने आग्रह किया कि उन भाइयों और बहनों को लोगों के द्वारा निष्क्रियता या उदासीनता से मुलाकात नहीं किया जाना चाहिए और उनकी आशा को नवीकृत की जानी चाहिए। आशा का अधिकार जिससे आज कई लोग वंचित हैं वह मानव का पहला अधिकार है।

इस बात पर गौर करते हुए कि इटली के मेधावी श्रमिक संघ के राष्ट्रीय सम्मेलन के सदस्य इटली के समृद्ध पर्यावरण, कलात्मक और सांस्कृतिक विरासत के संबंध में काम की विषयवस्तु पर विचार कर रहे थे, संत पापा ने उन्हें अपने "सुंदर देश" की देखभाल, प्रचार और विस्तार के कार्य हेतु प्रोत्साहित किया।

उन्होंने कहा कि व्यक्ति को शुद्धता, जिम्मेदारी और पारदर्शिता से प्रेरित होना चाहिए विशेषकर, काम क्षेत्र में। वास्तव में, संत पापा ने कहा कि काम को नवीकृत किये जाने का नैतिक अर्थ है धोखाधड़ी और झूठ पर प्रतिबंध लगाना जो बाजार, नागरिक सहअस्तित्व और लोगों के जीवन, खासकर सबसे कमजोर लोगों के जीवन को विषाक्त करता है, उससे पूरे समाज का नवीनीकरण किया जाना चाहिए।

संत पापा ने कहा कि केवल आत्मदान के द्वारा और भाई बहनों के प्रति स्नेह के द्वारा ही हमारा साक्ष्य प्रभावशाली हो सकता है एवं पूरे समाज को उदारता के द्वारा एकता के सूत्र में बांधा जा सकता है।








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