2018-06-12 16:58:00

खीस्तीय साक्ष्य है नमक एवं ज्योति बनना, संत पापा


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 12 जून 2018 (रेई) संत पापा फ्राँसिस ने सभी ख्रीस्तीय विश्वासियों को निमंत्रण दिया है कि वे येसु का साक्ष्य देने के लिए नमक एवं ज्योति बनें।

मंगलवार को वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए संत पापा ने कहा कि ख्रीस्तीय साक्ष्य का अर्थ है दूसरों के लिए आदर्श बनना, न कि सेवा का उद्देश्य सिर्फ आत्म पदोन्नति होना चाहिए।

संत पापा ने कहा, "ख्रीस्तीय विश्वासी, येसु का सरल एवं स्वभाविक साक्ष्य देने के लिए बुलाये जाते हैं जिन्हें दैनिक पवित्रता में बढ़ना चाहिए।  

उन्होंने कहा कि ख्रीस्तीय साक्ष्य का अर्थ येसु के उदाहरणों पर चलकर, शहादत में अपना जीवन अर्पित करना हो सकता है किन्तु दूसरा रास्ता, सुबह उठने, काम करने और बिस्तर पर जाने के दैनिक कार्यों द्वारा प्रतिदिन हमें येसु के पीछे ले चलता है। यह बहुत छोटी बात लगती है किन्तु चमत्कार छोटे-छोटे कार्यों द्वारा ही सम्पन्न होते हैं।  

संत पापा ने कहा कि ख्रीस्तीय साक्ष्य दीनता पर आधारित होनी चाहिए जिसका अर्थ है दूसरों के लिए साधारण नमक एवं ज्योति के समान बनना।

उन्होंने कहा, "हमें दूसरों के लिए नमक एवं ज्योति बनना है क्योंकि नमक अपने आप में स्वाद नहीं देता बल्कि दूसरों के काम आता है। उसी तरह दीपक अपने लिए नहीं जलता किन्तु दूसरों को प्रकाश देता है।" नमक अपनी ख्याति नहीं बढ़ाता है क्योंकि वह अपने आप में महत्वहीन है। वह दूसरों की सेवा के लिए ही निर्मित है जो चीजों को सुरक्षित रखता एवं भोजन का स्वाद बढ़ाता है। यही सरल साक्ष्य है।

संत पापा ने कहा कि दैनिक ख्रीस्तीय साक्ष्य का अर्थ दूसरों के लिए प्रकाश बनना है, उन्हें अंधकार की घड़ियों में मदद पहुँचाना है।

उन्होंने कहा, "प्रभु कहते हैं, कि तुम नमक हो, तुम ज्योति हो। तुम उसे इस तरह प्रकट करो ताकि दूसरे देख सकें एवं ईश्वर की महिमा कर सकें। जब हम भोजन करते, हम नमक की प्रसंशा नहीं करते बल्कि कहते हैं कि यह भोजन स्वादिष्ठ है। जब हम रात में बत्ती जलाते, हम नहीं कहते कि यह प्रकाश अच्छा है बल्कि उसके प्रकाश में हम एक-दूसरे को तथा वस्तुओं को अच्छी तरह देखकर खुश होते हैं। यह ख्रीस्तीय साक्ष्य का सटीक उदाहरण है।"

संत पापा ने चेतावनी दी कि हम उस फरीसी की तरह व्यवहार करने से बचें जिसने अपनी धार्मिकता के लिए ईश्वर को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि हम अपनी योग्यता के मालिक नहीं है। दैनिक पवित्रता का अर्थ है दूसरों के लिए नमक एवं प्रकाश बनना।








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