2018-06-08 10:52:00

मृत धर्मबहन के धर्मसंघ की क्षतिपूर्ति का अदालत ने दिया आदेश


मदुरई, शुक्रवार, 8 जून 2018 (ऊका समाचार): मद्रास उच्च न्यायालय ने 16 साल पहले सड़क दुर्घटना में मारी गई धर्मबहन के लिए उनके धर्मसंघ को अनुमति दे दी है कि वह मुआवजे का दावा करे।

अदालत की मदुरई खंडपीठ ने तमिलनाडु राज्य परिवहन निगम से मुआवजे का भुगतान करने के लिए कहा है और निगम की इस दलील को खारिज कर दिया है कि धर्मबहन का धर्मसंघ उनका कानूनी वारिस नहीं था।

2002 में तमिलनाडु राज्य परिवहन निगम की बस दुर्घटना में ऑक्सिलियुम धर्मसंघ की एक धर्मबहन मारी गई थी। 2009 में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने उक्त धर्मसंघ के पक्ष में फैसला दिया था।

हालांकि, निगम ने यह दलील देते हुए कि धर्मबहन का कोई वारिस नहीं था और न ही कोई आश्रित था, इस फैसले पर उच्च न्यायालय से अपील की थी।

2 जून को न्यायमूर्ति ए.एम बशीर अहमद ने निगम की अपील को खारिज कर दिया और कहा कि दुर्घटना में स्वैच्छिक कार्यकर्ता की मौत के कारण उनके धर्मसंघ और कलीसिया को नुकसान पहुँचा है।

उच्च न्यायालय के फैसले में आदेश दिया गया कि मृत धर्मबहन के धर्मसंघ को निगम क्षतिपूर्ति रूप में 3.22 लाख रुपये तथा साढ़े सात प्रतिशत सालाना की दर्ज़ पर ब्याज का भुगतान करे।








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