2018-06-07 16:24:00

सृष्टि एक उपहार है, सम्पति नहीं


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 7 जून 18 (वाटिकन न्यूज़)˸ एक अदभुत समुद्र "स्त्री, पुरूष एवं बच्चों के लिए एक कब्रस्थान" बन गया है। उक्त बात संत पापा फ्राँसिस ने भूमध्यसागर की ओर इशारा करते हुए अपने संदेश में कही है।

एथेंस में 5 जून को पर्यावरण की रक्षा पर एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में प्राधिधर्माध्यक्ष बरथोलोमियो प्रथम एवं अन्य प्रतिभागियों को सम्बोधित कर संत पापा ने एक संदेश प्रेषित किया। अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी की विषयवस्तु है सृष्टि की देखभाल : "एक हरियाली अटिका के लिए: ग्रह को संरक्षित करना और अपने लोगों की रक्षा करना"।

समग्र मानव विकास के लिए गठित परमधर्मपीठीय परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल पीटर टर्कसन ने संत पापा के संदेश को संगोष्ठी में पढ़कर सुनाया।

विस्थापितों एवं शरणार्थियों की चिंता

संत पापा के संदेश में लेसबोस में उनकी यात्रा का सजीव चित्रण किया है जिसको उन्होंने प्राधिधर्माध्यक्ष बरथोलोमियो प्रथम तथा परमाध्यक्ष हेरोनेमोस द्वितीय के साथ विस्थापितों एवं शरणार्थियों के प्रति साक्षा सहानुभूति प्रकट करने के लिए की थी। संदेश में उन्होंने कहा है कि वे इस विचार से अत्यन्त प्रभावित हैं कि एक सुन्दर समुद्र, स्त्री, पुरुषों एवं बच्चों के लिए कब्रस्थान बन गया है जो अपने देश के अमानवीय परिस्थितियों से भागना चाहते थे जबकि ग्रीक लोगों की उदारता, मानवता, ख्रीस्तीय मूल्य तथा उनके प्रयासों ने अपने आर्थिक संकट के बावजूद उन्हें अपने तटों पर आश्रय दिया है।

सृष्टि एक उपहार है, हमारी सम्पति नहीं

संत पापा ने कहा है कि उन्होंने उस यात्रा के द्वारा इन दिनों की संगोष्ठी के महत्व को अधिक अच्छी तरह समझा है कि भंगुरता केवल विश्व के सबसे कमजोर लोगों का घर नहीं है जैसा कि प्रवासियों और शरणार्थियों की स्थिति दिखलाता है। संत पापा लिखते हैं कि वास्तव में, हम भावी पीढी के नष्ट होने के लिए भी संकट उत्पन्न कर रहे हैं।

अतः संत पापा आह्वान करते हैं कि पर्यावरणीय संकट के सामने हम गंभीरता पूर्वक आत्मजाँच करें कि हम किस प्रकार के विश्व को अपने बाद आने वाली पीढ़ी के लिए हस्तांतरित करना चाहते हैं, हमारे उन बच्चों के लिए जो बढ़ रहे हैं? सृष्टि जो एक वरदान है, एक साक्षा उपहार है न कि कोई निजी सम्पति जिसमें प्रत्येक व्यक्ति के अधिकार को पहचाना जाना चाहिए।    

काथलिक एवं ऑर्थोडॉक्स सृष्टि की देखभाल के लिए एक साथ

1 सितम्बर को मनाये जाने वाले "सृष्टि हेतु विश्व प्रार्थना दिवस" के संदेश का स्मरण दिलाते हुए संत पापा ने इस बात पर बल दिया है कि सृष्टि की देखभाल करने की जिम्मेदारी सभी भली इच्छा रखने वालों को चुनौती देता है तथा सभी ख्रीस्तीयों को निमंत्रण देता है कि वे पर्यावरणीय संकट के आध्यात्मिक मूल को पहचानें तथा उसका ठोस उत्तर देने में अपना सहयोग दें।

सृष्टि के लिए वार्षिक विश्व प्रार्थना दिवस इस दिशा में एक कदम है जो हमारी आम चिंता को व्यक्त करती है तथा इस जटिल समस्या का सामना करने के लिए एकजुट होने हेतु प्रेरित करती है।

संत पापा ने लिखा कि यह उनका दृढ़ मकसद है कि काथलिक कलीसिया प्राधिधर्माध्यक्ष बरथोलोमियो प्रथम एवं ख्रीस्तीय एकता समिति के साथ कार्य करना जारी रखेगा। उनकी आशा है कि काथलिक एवं ऑर्थोडॉक्स अन्य ख्रीस्तीय समुदायों के साथ तथा सभी भली इच्छा रखने वाले लोगों के साथ सक्रिय रूप से, एक सतत् और अभिन्न विकास रूप में सृष्टि की देखभाल कर सकेंगे।








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