2018-06-07 16:10:00

क्रूस की पुत्रियों के धर्मसंघ को मिली एक भारतीय परमाधिकारिणी


रोम, बृहस्पतिवार, 7 जून 2018 (मैटर्स इंडिया)˸ क्रूस की पुत्रियों के धर्मसंघ ने अपनी पांच सदस्यीय केंद्रीय नेतृत्व टीम में दो भारतीय धर्मबहनों को चुना है।

रोम में 14 से 30 मई तक हुई धर्मसंघीय आमसभा में, सिस्टर पुष्पा एलिश्वा पुराथूर को परमाधिकारिणी चुना गया है। वे दूसरी भारतीय होंगी जिन्हें धर्मसमाज का नेतृत्व करने का भार सौंपा गया है। लीएजे के बाहर रोम में यह पहली आमसभा थी। महासमिति की अन्य सदस्य हैं मुम्बई की सिस्टर भलेरिया मिरांदा, इंगलैंड की सिस्टर मैकलौगहलिन, पाकिस्तान की सिस्टर जीनेट शांगारा और इंगलैंड की सिस्टर मौरिन ओब्रीएन।

परमाधिकारिणी चुने जाने के पूर्व 70 वर्षीय सिस्टर पुराथूर धर्मसमाज की प्रथम महासलाहकारिणी थीं।

क्रूस की पुत्रियों के धर्मसंघ की स्थापना सन् 1833 ई. में धन्य मरिया तेरेसे के द्वारा हुई है। आज यह धर्मसमाज ग्रेटब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, बेल्जियम, ब्राजील, कैमरून, जर्मनी, आयरलैंड, भारत, इटली, नेपाल और पाकिस्तान सहित 11 देशों में सेवारत है।

भारत में इसकी तीन शाखाएँ हैं जो मुम्बई, कलकत्ता और राऊरकेला में स्थित है।

धन्य मरिया तेरेसे ने धर्मसमाज का जो नाम रखा है वह महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस पर लम्बे समय तक चिंतन किया तथा प्रभु के दुखःभोग एवं क्रूसित ख्रीस्त की दया पर मनन-चिंतन द्वारा उन्होंने कोमलता एवं उदार प्रेम को सीखा जिसने उन्हें उनका अनुसरण करने हेतु प्रेरित किया। इस प्रकार उन्होंने त्याग एवं सेवा के दो महत्वपूर्ण मनोभावों को अपनाया जो ख्रीस्तीयता का आधार है। 








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