2018-06-06 15:56:00

संयुक्त राष्ट्र का गर्भनिरोधक अभियान 'रोहिंग्या शरणार्थियों' का सम्मान करने में असफल


ढाका, बुधवार, 6 जून, 2018 (सीएनए) : “संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाले अभियान ने बांग्लादेश के शिविरों में रोहिंग्या शरणार्थियों को गर्भनिरोधक प्रदान करके पहले से ही कमजोर समुदाय के विचारों का सम्मान करने में असफल रहा।” एक मानवाधिकार समूह ने कहा

वर्ल्ड यूथ एलायंस के निदेशक नदजा वोल्फ ने कहा, "मैं गहराई से चिंतित हूं, लेकिन आश्चर्यचकित नहीं हूं कि मानवाधिकार समूह जो मानव व्यक्ति की गरिमा को बढ़ावा देता है, यूएनएफपीए पहले से ही पीड़ित समुदाय के गहरे मूल्य को उनके लक्ष्यों में बाधा के रूप में देखता है।"

वोल्फ ने सीएनए से कहा, "रोहिंग्या महिलाओं के स्वास्थ्य देखभाल की जरुरत है जो उनके मूल्यों को कम करने के बजाय उनकी जरूरतों और सम्मानों को पूरा करती है।"

रोहिंग्या मुस्लिम जातीय समूह हैं जो बर्मा के राखीन राज्य में रहते हैं। अपने देश में सरकारी सेना और सुरक्षा बलों की हिंसा का सामना करते हुए, 660,000 से अधिक शरण के लिए पड़ोसी राज्य बांग्लादेश चले आये और वर्तमान में शिविरों में रह रहे हैं।

17 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या निधि (यूएनएफपीए) और बांग्लादेश परिवार नियोजन निदेशालय ने रोहिंग्या शरणार्थियों को लघु और दीर्घकालिक गर्भनिरोधक, मातृ स्वास्थ्य सेवाओं और रिकॉर्ड रखने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। अभियान शिविरों में शरणार्थियों के साथ-साथ गोलियों और कंडोम जैसे जन्म नियंत्रण के अन्य तरीकों के लिए 8,600 प्रत्यारोपण और 600 अन्य आईयूडी भी पेश कर रहा है।

हालांकि, कई शरणार्थियों ने जन्म नियंत्रण के लिए अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक आपत्तियां जताईं।

बांग्लादेश और संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने गर्भनिरोधक अभियान को बढ़ावा देने के लिए कहा कि वे रोहिंग्या महिलाओं को गर्भनिरोधक स्वीकार करने के लिए समझाने के प्रयास में दाईयों, स्वयंसेवकों और चिकित्सकों की भर्ती कर रहे हैं।

 बांग्लादेश के परिवार नियोजन अधिकारी काजी मुस्तफा सरवार ने कहा," हम उन आठ भाषा अनुवादकों की भर्ती करने की योजना बना रहे हैं जो उन्हें [गर्भनिरोधक के बारे में] मनाने के लिए परामर्श प्रदान कर सकते हैं।"

सरवार ने कहा, "यह हमारी मुख्य चुनौती है, क्योंकि हमने अभी तक उन्हें आश्वस्त नहीं किया है," उन्होंने कहा कि जब हमारे कर्मचारियों ने कंडोम दिया तो कई रोहिंग्या महिलाओं ने फेंक दिया, "हालांकि अन्य ने शॉर्ट-एक्टिंग इंजेक्शन योग्य गर्भ निरोधकों को स्वीकार किया है।

कुछ शरणार्थियों ने कहा है कि वे चाहते थे कि बड़े परिवार शिविरों में जीवित रहने के लिए मददगार हैं, जबकि अन्यों ने जन्म नियंत्रण पर धार्मिक आपत्तियों की बात उठाई। अन्य मानते हैं कि अल्पकालिक गर्भनिरोधक स्वीकार्य है, लेकिन वे किसी भी दीर्घकालिक उपकरणों को स्वीकार नहां करेंगी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, बांग्लादेश में 2018 में लगभग 100,000 रोहिंग्या बच्चों के पैदा होने की उम्मीद है।








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