2018-05-28 17:05:00

अर्जेंटीना के युवाओं को संत पापा का वीडियो संदेश


वाटिकन सिटी, सोमवार 28 मई 2018 (वीआर, रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने अर्जेंटीना के राष्ट्रीय युवा सम्मेलन के प्रतिभागियों को प्रतिदिन सुसमाचार पढने और उसपर चिंतन करने हेतु आमंत्रित किया।

अर्जेंटीना के रोजारियो में 25 से 27 मई तक राष्ट्रीय युवा सम्मेलन का आयोजन किया गया था। संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 26 मई को 15 मिनट का वीडियो संदेश दिया। संदेश में संत पापा ने प्रश्न किया कि कितने युवा प्रतिदिन कम से कम दो मिनट सुसमाचार पढ़ते हैं। संत पापा ने युवाओं को अपने पॉकिट में हमेशा सुसमाचार की छोटी किताब रखने को कहा जिसे वे दिन में जहाँ कहीं रहें बस में या घर में, अपने पॉकेट से निकालकर दो मिनट के लिए इसे पढ़ें। यह उनके जीवन को बदल देगा। क्योंकि वचन के माध्यम से वे येसु के साथ मुलाकात करते हैं।

संत पापा फ्रांसिस ने एक युवा व्यक्ति के जीवन में उपस्थिति, समुदाय और मिशन के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

उपस्थिति: 'येसु हमारे साथ है'

उपस्थिति पर चिंतन करते हुए, उन्होंने कहा कि येसु हमेशा हमारे साथ है। येसु ने खुद को हमारा भाई बना दिया और वे हमें अपने और मिशनरियों के प्यार की सभ्यता के उस सुंदर आदर्श को अपनाते हुए अपने जीवन में परिवर्तन लाने हेतु आमंत्रित करते हैं।

उन्होंने कहा कि यह उन परिस्थितियों में किया जा सकता है जो दैनिक जीवन हमें प्रस्तुत करता है। लेकिन हमें प्रार्थना में, वचन और संस्कारों द्वारा येसु के साथ होना चाहिए उसके साथ रहने के लिए अपना देना चाहिए। उन्होंने कहा,“जब आप उनके साथ रहें तो चुप रहें ताकि आप उसकी आवाज़ सुन सकें।”   

समुदाय : 'ईश्वर के लोगों के रूप में आगे बढ़ें'

दूसरे शब्द ‘समुदाय’ पर चिंतन करते हुए संत पापा फ्राँसिस ने कहा,“इतिहास लोगों से बनता है विचारधारा नहीं। "हम एक समुदाय हैं; हम कलीसिया हैं। ईश्वर के लोग कलीसिया हैं, जिसमें  युवा, बुजुर्ग, दुर्बल, स्वस्थ, और पापी सभी लोग शामिल हैं, जो हम सभी हैं! ... हम सभी एक साथ ईश्वर के लोगों के  रूप में आगे बढ़ें।"

संत पापा ने युवाओं पर धर्माध्यक्षों की आगामी धर्मसभा का भी उल्लेख किया और कहा कि कलीसिया "एक विशेष समय" से गुजर रही है। उन्होंने अर्जेंटीना के युवा लोगों को दिल से भाग लेने के लिए आमंत्रित करते हिए कहा, "पापा आपको सुनना चाहते है। संत पापा विश्वास को नवीनीकृत करने और सुसमाचार मिशन को पुनर्जीवित करने के लिए वार्तालाप के नए मार्गों को एक साथ ढूढ़ना चाहते हैं।"

मिशन : 'कलीसिया के रूप में बाहर निकलें'

संत पापा फ्राँसिस ने विश्ववयापी कलीसिया के मिशन  पर प्रकाश डालते हुए कहा,"हम कलीसिया के मिशन को करने के लिए बुलाए गये हैं : एक मिशनरी कलीसिया अपने आरामदायक जीवनशैली और दृष्टिकोण में बंद नहीं रहती, लेकिन दूसरे से मिलने के लिए बाहर निकलती है।"

संत पापा ने कहा, "इस समय येसु हमें सभी पुरुषों और महिलाओं के पास भेजते हैं और येसु स्वयं हमारे साथ उनसे मिलने आते हैं।”

अपने अतीत के आधार पर भविष्य का निर्माण करें

अंत में, संत पापा फ्राँसिस ने युवा लोगों से कहा कि वे कलीसिया के भविष्य हैं और उनका भविष्य "ठोस और उपजाऊ" होना चाहिए, जिसकी जड़ें मजबूत हों।

उन्होंने कहा, "अपनी जड़ों की ओर लौटें," इन मजबूत जड़ों में आप अपने जीवन का ढोस आधार बनायें और आगे बढें। अपनी मातृभूमि, अपने परिवार या अपने दादा दादी के इतिहास को कभी इनकार न करें। अपने जड़ों की तलाश करें, अपने अतीत को ढूँढें और वहां से, अपना भविष्य बनाएं।"








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