2018-05-26 15:14:00

स्कूल वार्ता, विकास और प्रशिक्षण का एक स्थान है,संत पापा फ्राँसिस


रोम,शनिवार 26 मई 2018 (रेई) : शुक्रवार 25 मई को संत पापा फ्राँसिस ने अपने शुक्रवार के करुणा के कार्यों को फिर से शुरु करते हुए रोम के दक्षिण-पूर्वी बाहरी इलाके में स्थित एक राज्य विद्यालय "एलिसा स्काला" का दौरा कर सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों को आश्चर्यचकित कर दिया। संत पापा का साथ नवीन सुसमाचार प्रचार हेतु बनी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष रीनो फिसिकेला ने दिया।

शुक्रवार को करीब 4 बजे संत पापा एलिसा स्काला स्कूल पहुँचे। संत पापा का स्वागत स्कूल परिसर के मुख्य द्वार पर स्कूल की निर्देशिका, प्रोफेसर क्लाउदिया जेंटिली और सैकड़ों लड़कों एवं लड़कियों ने किया जो दोपहर की गतिविधियों को पूरा करने के लिए संस्थान में थे। उन्हें विश्वास न हो रहा था कि संत पापा उनके बीच उपस्थित थे।

प्रोफेसर जेंटिली ने संत पापा फ्राँसिस को संस्थान के इतिहास से अवगत कराया, साथ ही संस्थान के स्काला परिवार से अक्टूबर 2015 में जुड़ने की घटना के बारे भी बताया कि जॉर्जियो स्काला की छोटी बेटी एलिसा, जो उनके स्कूल के पहले श्रेणी में पढ़ती थीं, 11 साल की उम्र में ल्यूकेमिया के कारण उनकी मृत्यु हो गई। वह बहुत ही चंचल और सबकी प्रिय बच्ची थी। उसे किताबों से बहुत लगाव था। वह किताबों और पुस्तकालयों के लिए अपने जुनून के बारे में अक्सर अपने माता-पिता से बातें किया करती थी। एलिसा की याद में उसके सपने को साकार करने के लिए उसके माता पिता ने स्कूल में ‘किताबों का कमरा, बनाने की एक परियोजना का प्रस्ताव किया जिसे सभी विद्यार्थी इसका उपयोग कर सकें। एलिसा के मरने के कुछ महीने बाद, दिसंबर 2015 में, "बिब्लियोतेका दी एलिसा" को शुरु किया गया। इसके बाद, "दोना यून लिब्रो पेर एलिसा" अर्थात ‘एलिसा के लिए एक किताब भेंट करें’ की पहल एलिसा के पिता जॉर्जियो और माता मारिया ने की। जिसका उद्देश्य उन लोगों के लिए था जो "बिब्लियोटेका दी एलिसा" में किताबों के एक छोटे से दान के साथ  इस परयोजना में अपना योगदान देना चाहते थे। आज एलिसा को समर्पित बीस हजार से अधिक संख्या में विभिन्न भाषाओं की किताबें हैं जो इटली के सभी क्षेत्रों से, यूरोप और यहां तक ​​कि ऑस्ट्रेलिया से भी लोगों ने किताबें भेजी हैं। उत्सव के माहौल को व्यक्त करने के लिए विद्यार्थियों ने संत पापा के स्वागत में गाना गाया।

संत पापा फ्राँसिस एक बार फिर स्कूल की भूमिका पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने कहा कि स्कूल"वार्ता, विकास और प्रशिक्षण की जगह" है और संत पापा ने इस वाक्य को छात्रों को दुहराने को कहा। सभी क्षात्रों ने बड़े उत्साह के साथ स्कूल "वार्ता, विकास और प्रशिक्षण की जगह" हैं, को दुहराया।

 संत पापा ने एलिसा के माता-पिता से मुलाकात की जिन्होंने उन्हें पुस्तकालय के कमरे को दिखाया। संत पापा ने उनके साथ कुछ मिनट बिताए और पुस्तकालय में एलिसा को समर्पित कुछ किताबें दान कीं।

अत में संत पापा ने स्कूल की निर्देशिका प्रोफेसर जेंटिली, शिक्षकों, स्कूल के कर्मचारियों, माता-पिता और बच्चों को शुभकामनायें देने के बाद उनसे विदा लिये और वापस वाटिकन लौटे। 








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