2018-05-25 16:28:00

परिवार का स्वास्थ्य कलीसिया एवं विश्व के लिए महत्वपूर्ण


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 25 मई 2018 (रेई)˸ संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 25 मई को वाटिकन स्थित पौल षष्ठम सभागार में रोम के पुलिस अधिकारियों एवं उनके परिवार वालों के साथ मुलाकात की तथा उन्हें परिवार के महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्हें सम्बोधित कर उन्होंने कहा, "परिवार पहला समुदाय है जहाँ व्यक्ति प्रेम करना सिखता एवं सिखाता है। यह एक अनुकूल परिस्थिति होती है जहाँ व्यक्ति विश्वास करना और भलाई करना सीखता है। आज दैनिक जीवन में उठने वाली समस्याओं एवं चुनौतियों को देखने से लगता है कि परिवार का स्वस्थ होना, विश्व एवं कलीसिया के भविष्य के लिए अति आवश्यक है। वास्तव में, जब हम किसी कड़वी सच्चाई का सामना करते हैं, दुःख, बुराई अथवा हिंसा से होकर गुजरते हैं तब यह परिवार ही है जहाँ एक साथ, प्रेम से, उन्हें समझा एवं उनका समाधान निकाला जा सकता है।    

हर मानवीय सच्चाई की तरह परिवार भी कई प्रकार की पीड़ाओं से घिरा है। संत पापा ने बाईबिल का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं जैसे, इसाहाक एवं याकूब, दाऊद की कठिनाईयाँ, तोबित एवं योब की पीड़ाएँ, साथ ही साथ पवित्र परिवार की कठिन परिस्थितियाँ।

येसु ने उन लोगों के दूःखों को हमेशा दूर किया जो पीड़ित एवं लाचार थे। येसु के इन्हीं उदाहरणों का अनुसरण करते हुए कलीसिया, अपने प्रतिदिन की यात्रा में परिवारों की परेशानियों, तनावों, घरेलू हिंसा, आर्थिक तंगी और काम की व्यस्तता को समझती है। वह प्रतिदिन सुसमाचार पर चिंतन करते हुए पवित्र आत्मा से संचालित होकर परिवारों के करीब रहती है, विशेषकर, जो लोग किसी प्रकार के संकट अथवा दुःख से होकर गुजर रहे हैं तथा उन्हें अंतिम लक्ष्य की ओर इंगित कर आशा दिलाती है कि वहाँ न तो कोई दुःख और परेशानी होगी, बल्कि सब कुछ समाप्त हो जाएगा।

जीवन के रास्ते पर येसु हमें कभी नहीं छोड़ते, वे हमें जानते और दया से हमारा साथ देते हैं, विशेषकर, उन परिवारों को पवित्र करते हैं जो प्रेम से जीते हैं। उनकी उपस्थिति बच्चों के प्रति माता-पिता की कोमलता, स्नेह और आलिंगन से प्रकट होता है। परिवार कोमलता का स्थान है यही कारण है कि ईश्वर अपने को एक पिता के रूप में प्रकट करते हैं। वे अपने को माता के रूप में भी प्रकट करते जो हमारी देखभाल करते तथा हमें खिलाने-पिलाने हेतु हमारे पास आते हैं।

कलीसिया जो एक अच्छी माता है हमें शिक्षा देती है कि हम ईश्वर में दृढ़ बने रहें, जो हमें प्यार करते और हमें तृप्त करते हैं। इस आंतरिक अनुभव के साथ हम सभी विरोधाभासों एवं दुनिया की चुनौतियों का सामना करने हेतु आगे आयें तथा अपने एवं दूसरों की गलतियों को पहचाने। संत पापा ने कहा कि इसी आंतरिक एहसास के द्वारा ही हम हर प्रकार की बुराईयों पर विजय पा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि परिवार में ही विश्वास का हस्तांतरण होता है। हम यहाँ प्रार्थना करना सीखते हैं तथा आशा के लिए अपने को खोलते हैं जिसमें सच्चा आनन्द होता है जो लोगों की कमजोरियों से अवगत होते हुए भी उनके साथ गहरा संबंध स्थापित करने तथा जीवन की यात्रा में एक साथ चलने और एक-दूसरे का साथ देने से उत्पन्न होता है।

संत पापा ने आज की बदलती परिस्थितियों से अवगत कराते हुए कहा कि हम जिस युग में जी रहे हैं वह परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। हम इसे अपने कामों में लगातार अनुभव कर सकते हैं। ऐसी परिस्थिति में पारिवारिक अनुभव हमें मदद कर सकता है क्योंकि यह हमें मानवीय संतुलन, प्रज्ञा तथा उदाहरण का महत्व प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि एक अच्छा परिवार सामाजिक मूल्य को आगे ले चलता है, समाज का हिस्सा होने का अनुभव देने के लिए शिक्षा देता है, ईमानदार नागरिक बनाता है। एक राष्ट्र तब तक खड़ा नहीं रह सकता जब तक कि उसके परिवार अपने कर्तव्यों को पूरा न करें। नागरिक शिक्षा सबसे पहले परिवार में ही मिलनी चाहिए।

संत पापा ने सभी पुलिस अधिकारियों एवं उनके परिवार वालों के लिए प्रार्थना की कि उनके परिवार खासकर पुलिस स्टेशन रूपी बृहद परिवार को नाजरेथ परिवार एवं संत माईकेल महादूत तथा उनके संरक्षक संत द्वारा मदद मिले।








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