2018-05-19 16:02:00

दूसरों के काम में बाधा डालकर समय बर्बाद न करें, संत पापा


वाटिकन सिटी, शनिवार, 19 मई 2018 (वाटिकन न्यूज़)˸ संत पापा फ्राँसिस ने सभी धर्माध्यक्षों एवं पुरोहितों को स्मरण दिलाया कि वे अपने रेवड़ से प्रेम करें तथा अपने आप को क्रूस के लिए तैयार रखें, दूसरों के जीवन में हस्ताक्षेप करने में समय बर्बाद न करें।

शुक्रवार को वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए अपने प्रवचन में उन्होंने कलीसिया के सभी चरवाहों को परामर्श दिया। संत पापा ने उन्हें अपने झुण्ड से प्रेम करने तथा क्रूस के लिए अपने आपको तैयार रखने की सलाह दी और कहा कि वे दूसरों के मामलों में घुसने के प्रलोभन में न पड़ें।

प्रवचन में संत पापा ने संत योहन रचित सुसमाचार से लिए गये पाठ पर चिंतन किया जहाँ येसु एवं पेत्रुस के अंतिम मुलाकात की घटना का जिक्र है।

मेरा अनुसरण करो

संत पापा ने कहा, "अपने संबंध के द्वारा येसु ने पेत्रुस को मानसिक यात्रा में साथ दिया। येसु हम सभी के लिए भी यही करना चाहते हैं ताकि हम अपनी यात्रा की याद कर सकें।"

पेत्रुस को येसु द्वारा कहे गये अंतिम वाक्य "मेरा अनुसरण करो" पर प्रकाश डालते हुए संत पापा ने कहा,  इस ठोस मनोभाव एवं व्यवहार के द्वारा उन्होंने पेत्रुस को तीन निर्देश दिये˸  "मुझसे प्रेम करो, मेरी भेड़ों को चराओ एवं अपने आप को तैयार करो।" 

प्रेम एक चरवाहे की पहचान

ईश पुत्र के सच्चे शिष्य बनने के रास्ते पर पहला कदम प्रेम है। संत पापा ने कहा कि प्रभु के मेमनों को चराना एवं अपने आप को तैयार करना एक चरवाहे की पहचान है। एक धर्माध्यक्ष एवं एक पुरोहित की पहचान एक चरवाहे के रूप में ही होनी चाहिए।  

मुझसे प्रेम करो कहने का अर्थ, येसु चाहते हैं कि सब कुछ से बढ़कर हम उनसे प्रेम करें। प्रेम करने के लिए सबसे पहले बात करने की आवश्यकता है।

जहाँ आप नहीं चाहते वहाँ लिया जाना

संत पापा ने विश्वासियों को याद दिलाया कि जो लोग प्रभु को स्वीकार करते हैं उन्हें शहादत एवं क्रूस के लिए तैयार रहना चाहिए। यह उसी तरह है जिस तरह एक व्यक्ति को वहाँ लिया जाता है जहाँ वह जाना नहीं चाहता किन्तु उन्होंने कहा कि एक चरवाहे के लिए यही दिशासूचक है।

"परीक्षाओं के लिए तैयार रहें, अपना सब कुछ त्याग देने के लिए भी तत्पर रहें ताकि दूसरा आकर अपना काम कर सके। जीवन की विस्मृति के लिए अपने आप को तैयार रखें क्योंकि उन्हें ऐसे रास्तों पर लिया जा सकता है जो अपमान और संभवतः शहादत का रास्ता है।" संत पापा ने धर्माध्यक्षों से कहा कि धर्माध्यक्ष एवं पुरोहित के रूप में जिन लोगों ने उनकी सराहना की थी वे अब ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि दूसरा आ चुका है जिसको वे अधिक पसंद करने लगे हैं। अपने आपको क्रूस के लिए तैयार रखें क्योंकि उन्हें वहाँ जाना पड़ेगा जहाँ वे जाना नहीं चाहेंगे।"

व्यस्त व्यक्ति न बनें

संत पापा ने प्रवचन के अंत में याजकों को सलाह दी कि उस बड़े प्रलोभन से बच कर रहें जो उन्हें दूसरों के जीवन में हस्तक्षेप करने का दबाव डालेगा। उन्होंने उन्हें निर्देश दिया कि वे अपने ही जूते पर पाँव डालें एवं दूसरों के मामलों में दखल देने की कोशिश न करें। व्यस्त रहने वाला व्यक्ति न बनें एवं कलीसिया की अफवाहों में उलझे न रहें।








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