2018-05-17 16:55:00

सात देशों के राजदूतों को संत पापा का संबोधन


वाटिकन सिटी, गुरुवार, 17 मई 2018 (रेई) संत पापा फ्रांसिस ने वाटिकन हेतु नियुक्त तंजानिया, लेसोथो, पाकिस्तान, मंगोलिया, डेनमार्क, इथियोपिया और फिनलैंड के राजदूतों से वाटिकन के केमेंटीना  सभागार में मुलाकात की।

उन्होंने अपने संबोधन के शुरू में कहा कि आप अपने देश के उच्च अधिकारियों को तथा देश के नागरिकों को मेरी कृतज्ञता भरे उदगारपूर्ण संदेश प्रेषित करें कि मेरी प्रार्थनाएँ सदा उनके साथ हैं।

संत पापा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय राजनयिक धैर्यपूर्ण कार्यों ने विश्व के कई देशों में न्याय और शांति को बढ़ावा दिया है जिसे हम मानव परिवार और व्यक्ति की गरिमा के रुप में देखते हैं। यही कारण है कि कलीसिया राजनयिक कार्यवाही के विकास पर विश्वास करती और उसपर जोर देती है।

इस वर्ष हम मानव अधिकारों के वैश्विक घोषणा की 70वीं वर्षगाँठ मना रहे हैं। यह हमें अपने भाई-बहनों के साथ अपनी एकता को नवीन बनाने में मदद करे विशेषकर उनके साथ जो गरीब, बीमार और कई रूपों में उत्पीड़न के शिकार हैं।

संत पापा  फ्रांसिस ने कहा कि हममें से कोई भी अपनी नौतिक जिम्मेदारियों को नकार नहीं सकता है जिसके द्वारा हम “वैश्विक उदासीकरण” को चुनौती देते हैं। आज का दौरा परिवर्तन का युग है जो हमसे विवेक और आत्म-परीक्षण करने की मांग करता है जिससे देश में शांति कायम हो सके और आने वाली पीढ़ियाँ समृद्धि प्राप्त करें। उन्होंने कहा “यह मेरी आशा है कि वाटिकन हेतु राजदूत के रुप में आप के कार्य वर्तमान चुनौतियों का सामना करने में हम सभों की मदद करेगा।” उन्होंने कहा कि कलीसिया अपनी ओर से आपका सहयोग करने हेतु प्रतिबद्ध है जिसके फलस्वरूप हम एक साथ मिलकर विश्व में सच्चे भ्रातृत्व और शांति कायम कर सकेंगे।

वर्तमान में मानवीय समास्याओं को देखा जाये तो एक समुदाय के रुप में हमें युद्ध और भूख पीड़ितों, अत्याचार और भेदभाव का शिकार हुए लोगों, गरीबी का दंश झेल रहे अप्रवासियों को अपने मध्य स्वागत करते हुए उनके अधिकारों की रक्षा और उन्हें प्रोत्सहित करने की जरुरत है। ये सारी समास्याएं हमारे आंतरिक आयाम को स्पर्श करते और राष्ट्रों की सीमाओं के छूते हैं। यद्यपि अलग-अलग राष्ट्रों और अंतरराष्ट्रीय समुदायों की अपनी ही कई समास्याएं है फिर भी हमें करुणा, दूरदर्शिता और साहस के साथ अपने निर्णयों तथा नीतियों के माध्यम इनके समाधान हेतु योगदान देने की जरूरत है। 








All the contents on this site are copyrighted ©.