वाटिकन सिटी, शनिवार 12 मई 2018 (वीआर,रेई) : मुम्बई महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष और भारतीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेसियस के साथ वाटिकन समाचार संवाददाता रोबिन गोम्स ने संपर्क कर “विश्व संचार दिवस” के लिए संत पापा द्वारा दिये गये विषय "नकली खबर और शांति के लिए पत्रकारिता" विश्व में विशेष कर भारत में इसके महत्व के बारे में साक्षात्कार किया।
काथलिक कलीसिया रविवार13 मई को ‘विश्व संचार दिवस’ मना रही है। यह दिवस विश्व के अधिकांश देशों में पेंतेकोस्त महापर्व के अगले रविवार को मनाया जाता है और उसी दिन कलीसिया येसु मसीह के स्वर्गआरोहण का महोत्सव भी मनाती है।
“विश्व संचार दिवस” की स्थापना संत पापा पॉल छठे ने सुसमाचार प्रचार के लिए सामाजिक संचार के आधुनिक माध्यमों के प्रयोग और उनकी चुनौतियों पर चिंतन करने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए 1967 में स्थापित किया।
संत पापा फ्राँसिस ने ‘विश्व संचार दिवस’ को मनाने के लिए बहुत पहले ही संत योहन के सुसमाचार 'सत्य तुम्हें आज़ाद कर देगा' (8 :32) के आधार पर इस वर्ष के विषय "नकली खबर और शांति के लिए पत्रकारिता" पर अपना संदेश दिया है।
अपने संदेश में, संत पापा फ्राँसिस ने फर्जी समाचारों के माध्यम से विघटन के "गंभीर परिणामों" की चेतावनी दी, जिसे "लालच" और "शक्ति की प्यास" से प्रेरित किया जाता है और यह "रचनात्मक संवाद" के लिए आवश्यक "स्वस्थ वार्तालाप" की अनुपस्थिति के कारण उभरता है। आज की तेजी से विकसित संचार की दुनिया में, संत पापा ने उन लोगों से कहा कि जो "शांति की पत्रकारिता को बढ़ावा" देते हैं और दूसरों को सच्चाई का साथ देने में मदद करते हैं जो हानिकारक या भावनात्मक नहीं है।
कार्डिनल ग्रेसियस ने विश्व संवाद दिवस के लिए संत पापा फ्राँसिस द्वारा चुने गये विषय पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने हमारे लिए मीडिया द्वारा "सत्य का संवाद करने" की सुविधा दी है, और जैसा कि संत पापा कहते हैं, "बुराई की शक्तियों" ने "संचार को सत्य नहीं झूठ बोलने के लिए" इसका उपयोग करना शुरू कर दिया है, जो नकली खबर है।
कार्डिनल ने कहा, यह बहुत खतरनाक है, क्योंकि झूठ के आधार पर बेईमानी, क्रोध, पूर्वाग्रह या नफरत को बढ़ावा दिया जाता है। नकली समाचार का मुकाबला करना कलीसिया के लिए एक चुनौती है और इसके मीडिया कार्यालयों को इसे गंभीरता से लेना है।
कार्डिनल ग्रेसियस ने कहा कि झूठी खबरें भारत सरकार के लिए भी एक चुनौती है। नकली समाचार और सच्चाई के बीच अंतर करने की जरूरत है। नकली खबरों से प्रभावित न होकर इसका मुकाबला करने के लिए मीडिया को खबरों की जड़ तक पहुँच कर सच्चाई का साथ देना चाहिए। यह एक "जबरदस्त" चुनौती है जिसे मीडिया में विशेषता प्राप्त लोगों और कलीसिया को सलाह देने की आवश्यकता है
कार्डिनल ग्रेसियस ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि नकली खबर भारत के लिए विशेष रूप से खतरनाक है, जिसकी समृद्धि धर्म, भाषा और संस्कृतियों की विविधता में है और जहां सद्भावना बहुत महत्वपूर्ण है। और जो भी सद्भावना से खुश नहीं है वह विभाजन लाने की कोशिष करता है। नकली खबरों के पौधे सत्य के दुश्मन हैं, देश के दुश्मन और बुराई की ताकतें हैं, जिन्हें हर संभव तरीके से इसका सामना करने की आवश्यकता है।
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