2018-05-09 16:21:00

गोवा कलीसिया के अधिकारी महागिरजाघर को गोद देने हेतु सहमत हैं


पाणाजी, बुधवार, 9 मई 2018 (ऊकान) ˸ भारत में प्रचीण विरासत स्थलों के रखरखाव में निजी कंपनियों को शामिल करने की सरकार की योजना के शुरुआती विरोध के बाद, गोवा कलीसिया के अधिकारी बोम जीसस के प्रसिद्ध महागिरजाघर के लिए इस योजना को स्वीकार करने पर सहमत हुए हैं।

अभिलेखागार मंत्री विजय सरदेसाई ने कहा कि 7 मई को कलीसिया और राज्य के अधिकारियों के बीच एक बैठक में मतभेदों को हल किया और कलीसिया अधिकारियों ने 16 वीं शताब्दी के पुर्तगाली महागिरजाघर के प्रबंधन हेतु एक निजी कम्पनी को देने के लिए सहमत हो गये।

बैठक में यह स्पस्ट किया गया कि यह योजना स्मारक को लेने का नहीं परंतु अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत इसका संरक्षण करना है। इस योजना को समझने के बाद ही कलीसिया के अधिकारियों ने समझौता किया।

पूर्व पुर्तगाली कॉलोनी में कलीसिया के अधिकारियों ने पहले अपनी निराशा व्यक्त की जब मीडिया ने संघीय सरकार की बनाई योजना को पिछले सितंबर में प्रकाशित किया था कि सरकार “विरासत को अपनाने” की नई पर्यटन परियोजना के तहत प्राचीन धार्मिक स्थलों के रखरखाव व प्रबंधन निजी कम्पनियों को सौंप देगी। स्थानीय पुर्तगाली कॉलोनी गोवा में छह ऐतिहासिक स्थल हैं उनमें से एक है संत फ्रांसिस जेवियर का अवशेष रखा जाने वाला बोम जीसस महागिरजाघर, जिसे भी निजी क्षेत्र को सौंप देने की सूची में शामिल किया गया है।

गोवा के महाधर्माध्यक्ष फिलिप नेरी फेराओ के सचिव फादर लोइला परेरा ने कहा, "कलीसिया के अधिकारियों ने योजना को सर्वसम्मति से स्वीकार किया है क्योंकि यह स्मारक के लिए फायदेमंद है।"

फादर परेरा ने कहा, "स्मारक को छुआ नहीं जाएगा। मुख्य स्मारक भारत के पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की हिरासत में होगा और आज के समान ही स्मारक पर कलीसिया का ही स्वामित्व रहेगा।"

प्राचीण गोवा में से महागिरजाघर के पल्ली पुरोहित फादर अल्फ्रेड वाज़ ने कहा कि स्मारक का रखरखाव समय पर हो इसे योजना सुनिश्चित करेगी। अब तक एएसआई स्मारक का रखरखाव करता आया है लेकिन लाल टेप और फंड में देरी रखरखाव में बाधा डालती है। निजी कंपनियां अपने ब्रांड नामों का निर्माण करने के लिए रखरखाव कर रही हैं और अंतर्राष्ट्रीय मानकों को बनाए रखने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ कदम आगे रखेगी।" गिरजाघर के अंदर रखरखाव गिरजा के अधिकारियों की मंजूरी के साथ किया जाएगा। नए प्रबंधक आगंतुकों के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं लगाएंगे। पर कैंटीन और अन्य सुविधाओं के माध्यम से रुपये कमाये जा सकते है।








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