2018-04-26 16:02:00

पूजा स्थलों पर हमला करने वालों का मकसद आदिवासी समुदाय को बांटना


भोपाल, बृहस्पतिवार, 26 अप्रैल 2018 (पूजा स्थलों ऊकान) ˸ ओडिशा में हुए हमले के तथ्य की खोज करने वाले एक दल ने कहा है कि ओडिशा में दो गिरजाघरों एवं मंदिर में आक्रमण का मकसद था स्थानीय ख्रीस्तीय एवं गैरख्रीस्तीय आदिवासियों के बीच फूट डालना।

पाँच संदस्यों की इस टीम में, कटक भुनेश्वर महाधर्मप्रांत के फादर अजय कुमार सिंह भी शामिल हैं। 2 अप्रैल को राऊरकेला धर्मप्रांत में माता मरियम की प्रतिमा को तोड़ा एवं पवित्र सामग्री रखने वाले स्थल को ध्वस्त किया गया था, ये दोनों ही घटनाएँ पास्का सोमवार को घटी थीं।  

तोड़फोड़ करने वालों ने उसी रात को उस क्षेत्र के एक शिव मंदिर में भी तोड़फोड़ किया था। इस मामले में राज्य पुलिस ने एक मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति को गिरफ्तार किया तथा उसपर तोड़फोड़ का आरोप लगाया।   

तथ्य की खोज करने वाले दल ने कहा है कि वास्तिविक अपराधी को नहीं पाया गया है। उन्होंने कहा कि हमला जानबूझ कर किया गया है।

उन्होंने एक वक्तव्य में कहा, "यह पूरी तरह योजनाबद्ध है एवं एक खास उद्देश्य से किया गया है और इसमें एक से अधिक लोग शामिल हैं।" घटना दो विभिन्न स्थानों पर एक ही रात को हुई। दोनों गिरजाघरों के बीच की दूरी सात किलो मीटर है तथा मंदिर की दूरी गिरजाघर से दो किलोमीटर है।

मूलनिवासी सामता परिषद के उपाध्यक्ष अभीराम मल्लिक ने कहा, "क्षेत्र में तोड़फोड़ ईसाई और गैर-ईसाई आदिवासी लोगों को विभाजित करने के लिए एक अच्छी तरह से तैयार रणनीति का हिस्सा है।"

टीम ने कहा कि लोग पास्का रविवार के लम्बे समारोह के कारण थक गये थे और सो रहे थे। कुछ लोगों ने दोनों स्थलों पर हल्ला सुनी थी।

ओडिशा धार्मिक रूप से एक अति संवेदनशील स्थान है तथा इतिहास में यहाँ ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा की खतरनाक घटना घट चुकी है।  

ओडिशा में ख्रीस्तीयों की संख्या उसकी कुल 41 मिलियन आबादी का 2.77 प्रतिशत है। यह एक हिन्दू बहुत राज्य है।








All the contents on this site are copyrighted ©.