2018-04-26 15:52:00

दीवार न बनाये, कार्डिनल ताग्ले


वाटिकन न्यूज़, बृहस्पतिवार, 26 अप्रैल 2018 (वाटिकन न्यूज़)˸ काथलिक उदारता संगठन के अंतराष्ट्रीय संघ कारितास अंतरराष्ट्रीय ने "वैश्विक कार्य सप्ताह" जारी किया ताकि ‘यात्रा साझा करें’ अभियान, के तहत अप्रवासियों के अनुभवों में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके।

यात्रा साझा करें अभियान की शुरूआत विगत सितम्बर माह में हुई है जो संत पापा फ्राँसिस के उस आह्वान से प्रेरित है जिसमें उन्होंने ‘मुलाकात की संस्कृति’ में भाग लेने की अपील की थी ताकि स्थानीय समुदाय को अप्रवासियों के साथ मुलाकात एवं बात-चीत तथा उनकी मदद करने का अवसर सके।

कारीतास ने कहा, "हम अप्रवासियों का स्वागत तथा उनके अधिकारों के बारे बातें कर रहे हैं।" इस प्रयास द्वारा स्थानीय समुदायों जिसकी शुरूआत पल्ली से होती है उन्हें उदारता हेतु ठोस कदम उठाना है, उदाहरण के लिए, विस्थापितों एवं शरणार्थियों के साथ अपना भोजन बांटना एवं उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाना।" 

यात्रा साझा करें अभियान के महत्व पर बल देते हुए मनिला के महाधर्माध्यक्ष एवं करीतास इंटरनैशनल के अध्यक्ष कार्डिनल लुईस अंतोनियो ताग्ले ने कहा, अप्रवास जीवन की सच्चाई है, किन्तु हाल के वर्षों में यह एक उत्तेजक अंतरराष्ट्रीय घटना बन गयी है।" उन्होंने कहा कि संत पापा एवं करीतास इंटरनैशनल दोनों ही अप्रवासियों का स्वागत करने एवं उनका साथ देने का समर्थन करते हैं। पहली बात इसलिए क्योंकि वे मानव प्राणी हैं और दूसरी कि अप्रवासियों के साथ मानवीय व्यवहार द्वारा हम दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि यह न केवल राजनीतिक-आर्थिक समस्या है किन्तु यह एक मानवीय समस्या भी है। 

कार्डिनल ताग्ले ने कहा कि इस उद्देश्य का दूसरा कारण है ख्रीस्तीय विश्वास। इस्राएली लोग अप्रवासी थे और नये व्यवस्थान में येसु को भी विस्थापित होना पड़ा था। येसु ने स्वंय कहा है, "यदि तुम इन छोटे से छोटे भाई बहनों में से किसी के लिए कुछ भी करोगे, यदि तुम अजनबियों का स्वागत करोगे, तो तुम मेरा स्वागत करोगे अतः विस्थापितों को साथ देना आध्यात्मिक एवं मानवीय दोनों ही तरह से उचित हैं।  

अभियान से उन्हें क्या आशा है पूछे जाने पर कार्डिनल ने कहा कि उन्हें खुशी है कि कई देशों में धर्माध्यक्षीय सम्मेलन तथा राष्ट्रीय कारीतास संगठन ने उसे अपनाया है। यह अब धीरे-धीरे फैल रहा है।

उन्होंने चुनौतियों पर गौर करते हुए कहा कि जो लोग एवं जो सरकार विस्थापितों से डरते हैं वे दीवाल का निर्माण करते हैं, जिससे स्पष्ट है कि विस्थापन का मुद्दा वहाँ जटिल होगा अे लिए आध्यात्मिक एवं मानवीय दोनों की कारणतः हम उनकी प्रतिक्रियाओं को समझ सकते हैं।

कार्डिनल ने प्रोत्साहन दिया कि हम विस्थापितों के पास जायें उनसे मुलाकात करें। जब हम विस्थापन के बारे बातें करते हैं तो यह केवल विचार है किन्तु जब हम उनकी बातों को सुनते और उनकी परिस्थितियों को समझने का प्रयास करते हैं तब हम उन में अपने आप को देख सकते हैं।

अंततः कार्डिनल ने विश्वासियों को अपने जीवन को देखने और अपने इतिहास की याद करने हेतु प्रेरित किया।








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