2018-04-25 15:19:00

वेनेज़ुएला के धर्माध्यक्षों ने राजनीतिक नेताओं से अपील की


वेनेजुएला, बुधवार 25 अप्रैल 2018 (वीआर,रेई) : वेनेजुएला के धर्माध्यक्षों ने देश के लोगों को प्रभावित करने वाली गंभीर मानवतावादी समस्याओं को दूर करने के लिए राज्य के नेताओं से अपील की और वे इस समय गैर-निर्णायक रूप में राष्ट्रपति के फिर से चुनाव को गैर-कानूनी मानते हैं।

वेनेजुएला के धर्माध्यक्षों ने महत्वपूर्ण बयान प्रकाशित किया है जिसमें उन्होंने पीड़ित लोगों के गंभीर समस्याओं की एक श्रृंखला सूचीबद्ध की है और इन समस्याओं के मुकाबले "सरकारी अधिकारियों की आश्चर्यजनक उदासीनता" के लिए अपनी चिंता व्यक्त की है।

उन्होंने राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को अपनी पुन: चुनाव पर पुनर्विचार करने और लोगों की गंभीर मानवीय समस्याओं से तत्काल निपटने हेतु अपील की है।

वेनेजुएला के नागरिकों के रूप में एवं मसीह के प्रेम संचालित धर्माध्यक्षों ने सोमवार को जारी बयान की शुरुआत इस प्रकार से की," हम हमारी इच्छाओं को साझा करने के लिए काथलिकों और अच्छी ईच्छा वाले सभी पुरुषों और महिलाओं के पास जाते हैं।"

"हम इस बात के लिए चिंतित हैं कि इस साल जनवरी में हमने अपने प्रेरितिक पत्र में जिन बुराईयों के बारे में संकेत किया था उन बुराईयों से देश बुरी तरह प्रभावित हुआ है।: अति स्फिति की वजह से सभी के जीवन की गुणवत्ता के अपघटन के साथ जनसंख्या की सामान्य गरीबी स्तर में वृद्धि हुई है। बयान में कहा गया है कि पूरे देश में बिजली, पानी और गैस सेवाओं की सामान्य कमी जीवन को और अधिक कठिन बनाया है।

भूख, बेरोजगारी, स्वास्थ्य देखभाल की कमी

बयान में उन्होंने यह भी कहा है कि राष्ट्रपति मदुरो द्वारा खाद्यान्न की कमी को दूर करने हेतु बनायी गई बहुत सी योजनाएं काम नहीं कर रही हैं तथा “भूखमरी और बेरोजगारी की समस्या ओर भी विकराल रुप ले लिया है।"

प्रवासी

धर्माध्यक्ष इस तथ्य को उजागर करते हैं कि समाज के सभी स्तरों से अधिक से अधिक वेनेज़ुएला वासी बड़ी संख्या प्रवास कर रहे हैं। इससे पारिवारिक संबंध टूट रहे हैं।  परिवार के वयस्क अपने बुजुर्गों और बच्चों को घरों में छोड़कर दूसरे स्थान काम की खोज जा रहे हैं।

धर्माध्यक्षों ने उन देशों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की है जिन्होंने वेनेज़ुएलावासियों का स्वागत किया और उन्हें स्वीकार किया। कलीसिया के संगठनों के प्रति आभार प्रकट करते हैं जिन्होंने प्रवासियों को सहायता दी है।

राष्ट्रपति चुनावों में वैधता की कमी है

 धर्माध्यक्षों ने मानवीय समस्याओं का सामना करते हुए इस समय राष्ट्रपति चुनाव को "वैधता की कमी" कहा है। चुनाव 20 मई को निर्धारित किया गया है।

धर्माध्यक्ष इस अवधारणा पर विस्तार से कहते हैं कि निर्वाचन अभियान को स्वतंत्र, भरोसेमंद और पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया की कल्पना नहीं की जा सकती है।"इसलिए साल के आखिरी तिमाही में मतदान (वोट) स्थगित करना जरूरी है।"

राष्ट्र के नेताओं से अपील

धर्माध्यक्ष कई मुद्दों के लिए ज़िम्मेदारी लेने और लोगों की बातों को सुनने और बिना देरी के उनके साथ जुड़ने के लिए राष्ट्र के शासकों और नेताओं से अपनी तत्काल अपील दोहराते हैं।

उनका सुझाव है कि अति स्फिति को नियंत्रित करने और राजनीतिक समाधानों की खोज को सुविधाजनक बनाने के प्रयास में निजी क्षेत्रों की सहायता और यहां तक कि पड़ोसी देशों से भी मांग की जा सकती है।

वेनेज़ुएला के धर्माध्यक्षों ने "विश्वास की शक्ति और आशा की शक्ति" के माध्यम से पुनर्जीवित प्रभु में विश्वास करते हुए साहस के साथ अपने उत्तरदायित्व को लेने को कहा इस जानकारी के साथ कि आखिरी शब्द अकेलापन, पीड़ा या निराशा नहीं है, बल्कि ईश्वर है।








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