2018-04-23 16:46:00

साम्यवाद से लड़ने वाले स्वर्गीय कार्डिनल का चेक रिपब्लिक में स्वागत


प्राग, सोमवार 23 अप्रैल 2018 (वीआर,रेई) : चेक गणराज्य ने स्वर्गीय कार्डिनल जोसेफ बेरन के अवशेषों का स्वागत किया है, जिसे पूर्व कम्युनिस्ट सरकार ने अपने विरोधक के रूप में देखा था और उन्हें वाटिकन में निर्वासन के लिए मजबूर कर दिया था। 49 वर्ष पहले कार्डिनल की मृत्यु हुई थी वे हमेशा अपनी मातृभूमि में दफनाया जाना चाहते थे।

चेक गणराज्य सैनिक ने वाटिकन के संत पेत्रुस महागिरजाघर से कार्डिनल जोसेफ बेरन के अवशेष रखे ताबूत को सावधानी से लिया और कब्लेय हवाई अड्डे से राजधानी प्राग पहुँचाया। वाटिकन के संत पेत्रुस महागिरजाघर में दफनाया जाना उनका अहोभाग्य था आम तौर पर स्थान रोम के धर्माध्यक्षों के लिए आरक्षित है। अब वे अंततः अपने घर लौट गये है।

अवशेष हस्तांतरण करते समय सरकार और चर्च के नेताओं ने एक ऐसे शक्स को याद किया जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाज़ियों के डच प्रताड़ना शिविर में जिंदा बचने के बाद 1946 में महाधर्माध्यक्ष बने। उस समय के चेकोस्लोवाकिया में सन् 1948 में कम्युनिस्ट कूप के बाद, महाधर्माध्यक्ष  बेरन ने सार्वजनिक रूप से नए शासन का विरोध किया।

उन्हें घर गिरफ्तार कर रखा गया। शासन अधिकारी उन्हें और उसके विश्वासियों के बीच संबंधों को काटना चाहते थे।

इस शासन ने हजारों काथलिक पुरोहितों, धर्मबहनों और सक्रिय काथलिकों को जेल में डाल दिया। कम्युनिस्टों ने उनकी  संपत्ति जब्त की और गिरजाघरों और मठों को नष्ट कर दिया क्योंकि उन्होंने पुरोहितों और ख्रीस्तीयों को अपने कट्टर दुश्मन के रूप में देखा।

 1965 में, संत पापा पॉल छठे  ने महाधर्माध्यक्ष बेरान को कार्डिनल नियुक्त किया। कम्युनिस्ट सरकार ने उन्हें घर लौटने के विकल्प के बिना रोम के लिए जाने दिया।

प्राग महाधर्मप्रांत के प्रवक्ता स्तानिसलाव जेमन ने कहा कि कार्डिनल बेरान 80 वर्ष की आयु में 1969 को दुनिया से विदा हो गये पर उनकी हार्दिक तमन्ना थी कि उन्हें अपने द्श में ही दफनाया जाए।

उन्होंने रेडियो प्राग से कहा, "कार्डिनल जोसेफ बेरन की आखिरी इच्छा के कारण, जो प्राग में दफनाया जाना चाहते थे, वर्तमान कार्डिनल, डोमिनिक दुका ने कार्डिनल बेरन की इच्छा पूरी की।" सोमवार को प्राग के संत विंसेंट महागिरजाघर में उन्हें दफनाया जाएगा।








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