2018-04-19 16:00:00

बेनेडिक्टाईन कॉनफेडेरेशन के सदस्यों से संत पापा की मुलाकात


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 19 अप्रैल 2018 (रेई)˸ "इस युग में जब लोग इतने व्यस्त हैं कि उनके पास ईश्वर की आवाज को सुनने का समय ही नहीं है, आपका मठ नख़लिस्तान के समान बन गया है जहाँ हर युग, हर पृष्ठभूमि, हर संस्कृति एवं धर्म के स्त्री एवं पुरूष एकांत की सुन्दरता को खोजते तथा अपने आपको सृष्टि के साथ सामंजस्य स्थापित करने की कोशिश करते हैं एवं ईश्वर को अपने जीवन अर्पित करते हैं।" यह बात संत पापा फ्राँसिस ने 19 अप्रैल को वाटिकन स्थित क्लेमेंटीन सभागार में बेनेडिक्टाईन कॉनफेडेरेशन के 400 सदस्यों से मुलाकात करते हुए कही, जो धर्मसमाज की स्थापना की 125वीं वर्षगाँठ मना रहे हैं।

इस अवसर पर संत पापा ने बेनेडिक्टाई कॉफेडेरेशन द्वारा कलीसिया को दिये गये सभी योगदानों के लिए धन्यवाद दिया तथा संत पापा लेओ 13वें की याद की जिन्होंने सन् 1893 में रोम में अध्ययन एवं प्रार्थना हेतु एक केंद्र की स्थापना, विभिन्न बेनेडिक्टाईन धर्मसमाजों को एक साथ लाने के मकसद से किया था। 

संत पापा ने कहा, "हम ईश्वर को इस प्रेरणा के लिए धन्यवाद देते हैं क्योंकि जिसने विश्व के सभी बेनेडिक्टाई धर्मसमाजों के सदस्यों को प्रेरित किया कि वे संत पेत्रुस के उत्ताधिकारी के साथ एवं आपस में, एकता की गहरी भावना के साथ जी सकें।"

बेनेडिक्टाई आध्यात्मिकता में नवीनीकरण हुआ जिसका आदर्शवाक्य है "ओरा एत लवोरा एत लेजे" (प्रार्थना, कार्य, अध्ययन)।

उन्होंने कहा, "चिंतन पूर्ण जीवन में ईश्वर बहुधा अनापेक्षित तरीके से अपनी उपस्थिति का एहसास कराते हैं। ईश्वर के वचनों पर चिंतन द्वारा हम उनकी आवाज को सुनने के लिए बुलाये जाते हैं ताकि हम आज्ञापालन को लगातार एवं आनन्द पूर्वक जी सकें। प्रार्थना हमारे हृदय में ईश्वर के अनोखे वरदानों को स्वीकार करने के लिए हमें सदा तत्पर बनाये रखता है। वह उस भावना को नवीकृत करने देता है जो हमें अपने दैनिक कार्यों द्वारा ईश्वर की प्रज्ञा के वरदानों को समुदाय में एवं जो लोग ईश्वर की खोज हेतु मठ आते हैं अथवा स्कूल एवं कॉलेजों में अध्ययन करते हैं उनके बीच बांटने हेतु आगे ले चलता है।

संत पापा ने उन्हें संत बेनेडिक्ट की याद दिलाते हुए कहा कि वे प्रार्थना में अपने आपको पूर्ण रूप से खाली करें ताकि हमेशा जागरूक रहते हुए, उन्हें सुन कर, विनम्रता पूर्वक उनका अनुसरण करने के लिए सदा तत्पर रह सकें। उन्होंने उन्हें व्यक्तिगत तथा समुदाय में पुनर्जीवित ख्रीस्त के साथ मुलाकात करने की सलाह दी।

संत पापा ने उनके कारिज्म पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बेनेडिक्टाई संघ का एक कारिज्म है स्वागत करना जो नवीन सुसमाचार प्रचार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन्हें उन लोगों में ख्रीस्त का स्वागत करने का अवसर प्रदान करता है जो ईश्वर की खोज में उनके पास आते तथा आध्यात्मिक वरदान प्राप्त करते हैं।

संत पापा ने संघ द्वारा ख्रीस्तीय एकता एवं अंतरधार्मिक वार्ता के कार्यों की सराहना करते हुए कलीसिया के लिए इसके प्रति उनके समर्पण को बनाये रखने का प्रोत्साहन दिया। उन्होंने शिक्षा एवं प्रशिक्षण के माध्यम से रोम तथा विश्व के विभिन्न हिस्सों में अपनी सेवा देने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

संत पापा को उम्मीद है कि बेनेडिक्टाई कॉनफेडेरेशन की जयन्ती, ईश्वर तथा उनकी प्रज्ञा की खोज करने का एक सुन्दर अवसर प्रदान करेगा।








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