2018-04-18 16:05:00

बूथ घपलेबाजी के कारण कार्डिनल टोप्पो वोट न दे सके


राँची, बुधवार 18  अप्रैल 2018 (मैटर्स इंडिया) : झारखंड में काथलिक कलीसिया के प्रमुख कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो, राज्य की राजधानी राँची में आयोजित नगर निगम चुनावों में अपने मत का इस्तेमाल किए बिना वापस लौटे।

द टेलीग्राफ अख़बार ने रिपोर्ट किया कि 16 अप्रैल को मतदाता सूची में गलतियाँ, इलेक्ट्रॉनिक मतदान मशीनों में गड़बड़ी, फर्जी मतदान और छिटपुट झड़प भी देखे गया।  

वार्ड न.7 में रहने वाले कार्डिनल पी. टोप्पो ने कामिल बुल्के पथ के अपने निवास के करीब संत अलोसियुस हाई स्कूल में हमेशा अपना वोट डालते थे। जब वे बूथ परिसर में  अपना वोट डालने गये, तो उन्हें मतदाता सूची में उनका नाम नहीं मिला। "सीमा-निर्धारण के बाद लगता है, कार्डिनल का नाम अन्य बूथ मतदाता सूची में डाल दिया गया है, जिसकी वजह से उन्हें अपना नाम नहीं मिल सका और वहाँ उनका मार्गदर्शन करने वाला कोई भी नहीं था।" कार्डिनल पी. टोप्पो के सचिव आर.ए. टोप्पो ने कहा।

रांची नगर निगम के वार्डों के सीमा-निर्धारण में मतदाताओं और उनके नामित बूथों में फेरबदल किया गया था, इसके परिणाम स्वरूप मतदान में नकारात्मक असर पड़ा।

विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जो अब वार्ड न. 26 की बजाय वार्ड न. 25 के निवासी हैं, ने 30 मिनट तक की खोज के बाद हरमू में कल्याण विकास समिति भवन में अपना नया बूथ ढूंढ़ा था।

 हेमंत ने कहा "मेरा पुराना बूथ हरमू में संत फ्रांसिस स्कूल में था और मुझे परिवर्तन के बारे में सूचित नहीं किया गया था। क्या ऐसा चुनाव किया जाता है? यह पूरी तरह से कुप्रबंधन है। "

झामुमो नेता हेमंत ने कहा कि सीमा-निर्धारण के बाद, सरकार को ताजा मतदाता सूचियों को परिचालित किया जाना चाहिए और लोगों को अपने नए वार्डों और बूथों के बारे में जानने के लिए एक विशेष अभियान आयोजित किया जाना चाहिए।

राज्य चुनाव आयुक्त एन.एन. पांडे ने मतदान के दिन "सीमांकन असुविधाओं" को स्वीकार कर लिया और कहा कि पैनल को भविष्य में इसे रोकने के लिए एक तंत्र विकसित करना होगा। "चुनाव काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा। "34 शहरी स्थानीय केद्रों ने एक साथ मिलकर 65.15 प्रतिशत मत हासिल की।  2013 के बाद से दो प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।" पांडे ने कहा।








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