2018-04-17 15:31:00

येसु का अनुसरण करने के दो रास्ते


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 17 अप्रैल 2018 (रेई)˸ संत पापा ने कहा कि येसु का अनुसरण करने के दो रास्ते हैं – येसु की चंगाई पर व्यक्तिगत रूचि एवं उनके वचनों पर विश्वास के कारण उनका अनुसरण।

सोमवार को वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में संत पापा ने येसु की चंगाई पर रूचि के कारण, उनका अनुसरण करने वालों को चेतावनी दी। उन्होंने निमंत्रण दिया कि हम ईश्वर द्वारा अपने जीवन में किये गये कार्यों की याद करें ताकि हम प्रेम के साथ उनका अनुसरण कर सकें।

जनता की व्यक्तिगत रूचि

संत पापा ने संत योहन रचित सुसमाचार (यो. 6:22-29) से लिए गये पाठ पर चिंतन किया, जहाँ रोटी एवं मच्छली के चमत्कार के बाद भीड़ येसु को राजा बनाना चाहती थी। उन्होंने कहा, "येसु ने यह कहते हुए उन्हें फटकारा, ‘तुम चमत्कार देखने के कारण मुझे नहीं खोजते बल्कि इसलिए कि तुम रोटियाँ खाकर तृप्त हो गये हो।’"

संत पापा ने येसु के इस उत्तर में दो विन्दुओं को रेखांकित किया- कुछ लोग येसु को इसलिए खोज रहे थे ताकि उनके वचनों को अपने हृदय में महसूस कर सकें जो विश्वास द्वारा संभव था जबकि दूसरी ओर, कुछ लोगों को उनके चमत्कार पर कोई रूचि नहीं थी। संत पापा ने कहा कि ये लोग अच्छे थे किन्तु उनमें उत्सुकता एवं व्यक्तिगत रूचि की चिंता अधिक थी।

येसु पर स्तेफन का विश्वास

संत पापा ने प्रेरित चरित से लिए गये पाठ (प्रे.च. 6:8-15) की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए येसु पर विश्वास का एक दूसरा उदाहरण प्रस्तुत किया, स्तेफन का विश्वास। स्तेफन परिणाम का इंतजार किये बिना येसु का अनुसरण कर रहा था। उसे अपनी रूचि की चिंता नहीं थी। वह अपने विश्वास के अनुसार येसु के पीछे चल रहा था किन्तु शास्त्रियों ने उसे फंसाने का षडयंत्र किया तथा येसु का साक्ष्य देने के लिए उसे पत्थरों से मार डाला।

विश्वास या अपनी रूचि?

संत पापा ने येसु का अनुसरण करने के लिए अपने जीवन में उनके कार्यों की याद करने की सलाह दी।

उन्होंने कहा कि ऐसा करने से हम अपने जीवन में कई महान चीजों को पायेंगे जिनको येसु ने हमें प्रदान किया है क्योंकि वे हम प्रत्येक से प्रेम करते हैं। हमें अपने आप से पूछना चाहिए कि मैं येसु के लिए क्या कर सकता हूँ? जब हम येसु के कार्यों को अपने जीवन में देखेंगे तो हमारा हृदय अनायास ही उनके प्रति कृतज्ञता से भर जायेगा और हमें मन-परिवर्तन की प्रेरणा मिलेगी। यही है प्रेम के द्वारा मन-परिवर्तन का रास्ता। "आपने मुझे बहुत कुछ दिया है इसलिए मैं भी तुझे अपना प्रेम अर्पित करता हूँ।"  

संत पापा ने विश्वासियों को आत्मावलोकन करने का परामर्श देते हुए कहा कि हम किस तरह येसु का अनुसरण करते हैं उसकी जाँच करना अच्छा है। क्या मैं अपनी रूचि का अधिक ख्याल करता हूँ? मेरे प्रेम के कारण येसु ने क्या किया है? मुझे येसु के लिए क्या करना चाहिए? व्यक्तिगत रूचि से किस तरह हम अपने विश्वास का शुद्धिकरण कर सकते हैं? इन बातों पर चिंतन करने के द्वारा हम अपने विश्वास को शुद्ध कर सकते हैं। उन्होंने प्रार्थना की कि प्रभु हमें विश्वास के रास्ते पर हमारी सहायता करे।








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