2018-04-09 16:24:00

तीर्थयात्रियों और विश्वासियों को संत पापा का अभिवादन


वाटिकन सिटी, सोमवार, 9 अप्रैल 2018 (वीआर, रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने रविवार 8 अप्रैल दिव्य करुणा रविवार को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में हजारों की संख्या में देश-विदेश से आये तीर्थयात्रियों और विश्वासियों के साथ युखारिस्तीय महासमारोह का अनुष्ठान करने के बाद स्वर्ग की रानी की प्रार्थना का पाठ करने के पहले वहाँ समारोह में उपस्थित सभी विश्वासियों का अभिवादन किया।

संत पापा ने युखारिस्तीय समारोह में सक्रिय भाग लेने के लिए सभी को धन्यवाद दिया। संत पापा ने विशेष रुप से दया के मिशनरी पुरोहितों का अभिवादन किया जो इन दिनों एक सेमिनार में भाग लेने रोम आये हुए हैं। संत पापा ने कहा, "आपकी सेवा के लिए धन्यवाद!"

संत पापा ने पूर्वी कलीसियाओं के ख्रीस्तीयों को जी उठे प्रभु येसु की शुभकामनायें दी जो पास्का पर्व की मना रहे हैं। " जी उठे प्रभु उन्हें अपनी शांति और प्रकाश से भर दें और विशेष रूप से उन समुदायों को प्रभु सांत्वना दे जो कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन कर रहे हैं।"

अंतर्राष्ट्रीय रोमानी दिवस के अवसर पर, संत पापा  फ्राँसिस ने वहाँ उपस्थिति रोमा और सिन्तियों का स्वागत किया। "मैं उन लोगों के लिए शांति और सामंजस्य की कामना करता हूँ जो इन प्राचीन लोगों से तालुकात रखते है और आशा करता हूँ कि हर दिन एक दूसरे के बारे में जानने और एक-दूसरे को पारस्परिक रूप से सम्मान करने की अच्छी इच्छा से मुलाकात की संस्कृति को बढ़ावा मिले।"

गौरतलब है कि 1992 में अंतर्राष्ट्रीय रोमा संघ, संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ के प्रस्ताव पर 8 अप्रैल अंतर्राष्ट्रीय रोमा दिवस के रूप में घोषित कर दिया गया। इस दिन द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रोमा पीड़ितों को दुनिया भर में श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। इस दिन को रोमानी संस्कृति के साथ मनाया जाता है और रोमानी लोगों के समक्ष आने वाली समस्याओं के प्रति जागरूक किया जाता है।

अंत में संत पापा ने उपस्थित सभी विश्वासियों को  करुणा की माता मरिया की छत्रछाया तले सिपुर्द करते हुए स्वर्ग की रानी की प्रार्थना का पाठ किया और अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।  

विदित हो कि विश्व के अनेक देशों से करीब 900 दया के मिशनरी सेमिनार में भाग लेने रोम आये हुए हैं। इनका सेमिनार 7 से 11 अप्रैल तक चलेगा। भारत से सलेशियन पुरोहित लियोन क्रूज भी इस सेमिनार भों भाग लेने आये हुए हैं। इन्हें 2017 में संत पापा फ्राँसिस ने दया के मिशनरी(एमओएम) के रूप में नियुक्त किया था।








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