कटक भुनेश्वर, मंगलवार, 3 अप्रैल 2018 (एशियान्यूडज)˸ ओडिशा के रौरकेला धर्मप्रांत स्थित दो पल्लियों में पास्का रविवार को आक्रमण एवं तोड़फोड़ की घटनाएँ सामने आयी हैं।
एशियान्यूज से मिली जानकारी अनुसार हमलावरों ने बिहाबांध गाँव के गिरजाघर की पूजा-सामग्री-गृह (साक्रेस्टी) में आग लगा दी, जहाँ ख्रीस्तयाग में प्रयुक्त होने वाली पवित्र सामग्रियाँ रखी जाती हैं।
दूसरा हमला उस गाँव से कुछ ही दूर पर सलंगाबहल पल्ली के प्रवेश द्वार के बगल में स्थापित माता मरियम के गोरोटो पर किया गया जहाँ हमलावरों ने प्रतीमाओं को तोड़ा। उन्होंने माता मरियम की प्रतीमा को ले लिया है जबकि बालक येसु की मूर्ती के टुकड़े-टुकड़े कर दिये हैं।
रौरकेला धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष किशोर कुमार कुजूर ने हमले की निंदा करते हुए कहा, "यह जान बूझकर एवं योजनावद्ध आक्रमण है। दोनों ही घटनाएं रात में करीब एक ही समय पर घटीं। वे पल्लियाँ एक-दूसरे से 7-8 किलो मीटर की दूरी पर हैं। यह एक ही दल का कार्य है जो ख्रीस्तीय समुदाय के विरूद्ध है।"
कटक भुनेश्वर के महाधर्माध्यक्ष जॉन बरवा ने कहा कि ये दोनों स्थलों की घटनाएं चिंता के विषय हैं क्योंकि यह पास्का दिवसत्रय के समय घटी हैं और ये ओडिशा में घटित हुई हैं जहाँ 2008 में हिन्दू चरमपंथी दल द्वारा ख्रीस्तीयों पर अत्याचार हुए थे। हमें एक धर्मनिरपेक्ष देश में इस प्रकार के हमले की उम्मीद नहीं थी। इस प्रकार की भष्ट घटनाएं जो हमारे धार्मिक मनोभाव पर आघात पहुँचाती हैं उनका अंत किया जाना चाहिए।"
महाधर्माध्यक्ष ने याद किया कि कंधमाल में हुई हिंसा की इस साल 10वीँ पुण्य तिथि है। उन्होंने कहा कि भारत की समस्त जनता को देश को एक धर्मनिरपेक्ष राज्य बनाये रखने के लिए एक आम पहल करने की आवश्यकता है।
महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता तथा विश्वास की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान एवं उसकी रक्षा की जानी चाहिए। भारत के छोटे से छोटे देहात क्षेत्र में भी मानव प्रतिष्ठा एवं न्याय की जीत होनी चाहिए। इस प्रकार की घटनाएँ देश के लिए केवल शर्म एवं अपमान ही लाती हैं।"
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