2018-03-24 12:43:00

यूनिव 2018 मंच के युवाओं को संत पापा का संदेश


वाटिकन सिटी, शनिवार, 24 मार्च 2018 (रेई)˸ 25 मार्च से 1 अप्रैल तक विश्वभर के 150 विश्वविद्यलयों से, करीब 2,500 से अधिक विद्यार्थी ̎ यूनिव 2018 ̎ में भाग लेने रोम आ रहे हैं। इसका मुख्य उद्देश्य है पुण्य सप्ताह के महत्व को गहरा करना तथा ̎ भविष्य पर पुनः विचार ̎ विषय पर चिंतन करना। यूनिव (UNIV) की शुरूआत आज से 50 वर्षों पूर्व सन् 1968 ई. में, ओपुस देई के संस्थापक संत होसेमरिया एस्क्रीवा ने की थी।

बुधवार 28 मार्च को सभी विद्यार्थी आमदर्शन समारोह में भाग लेकर संत पापा फ्राँसिस का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।

ओपुस देई के वेबसाई में 16 मार्च को लिखे संत पापा फ्राँसिस के संदेश को प्रकाशित किया गया है।

संदेश में संत पापा ने युवाओं को सम्बोधित करते हुए लिखा है, ̎ यूनिव 2018 ̎के युवाओ, ओपुस देई के अध्यक्ष द्वारा विश्वविद्यालयों की सभा की 50वीं वर्षगाँठ के अवसर पर, आप पुनः एक बार ईश्वर, कलीसिया एवं संत पापा के प्रेम से इस अनन्त शहर में आये हैं। आपको पुण्य सप्ताह के दौरान ख्रीस्त से मुलाकात करने, अपने विश्वास तथा समर्पण में परिपक्व बनने और विभिन्न संस्कृतियों एवं अनुभवों के युवाओं के साथ मुलाकात करने का यह सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ है जो आनन्द, पुर्णता एवं उदारता से देने की एक ही चाह से प्रेरित हैं।  

आपकी सभा, खासकर, ऐसे समय में आयोजित की गयी है जब युवाओं पर सिनॉड होने वाला है।

संत पापा ने युवाओं को निमंत्रण देते हुए कहा, ̎ मैं आपको निमंत्रण देता हूँ कि आप इस कलीसियाई घटना में भाग लेने के लिए अपने आप को तैयार करें। इसके लिए अच्छा होगा कि आप प्रेरित संत योहन को देखें जिनको येसु प्यार करते थे और जिन्हें उन्होंने मरियम को हमारी माता के रूप में सौंपा। वे हमें येसु को समझने में मदद देंगे। जी हाँ, प्रभु हम प्रत्येक को निमंत्रण देते हैं कि हम आनन्द से उनका अनुसरण करें तथा ईश्वर एवं अपने पड़ोसियों को बिना किसी बाधा के प्यार करें। संस्थापक संत होसेमरिया के शब्दों का स्मरण दिलाते हुए संत पापा ने कहा, ̎ ख्रीस्त की खोज करें, ख्रीस्त को प्राप्त करें, ख्रीस्त को प्यार करें।̎ ख्रीस्त के साथ मित्रता बनाये रखने के लिए हरदिन कोशिश करें। अपने आप से पूछें, ̎ मेरे स्थान पर येसु क्या करते? अधिक से अधिक उनके समान बनने एवं उन्हें दूसरों तक पहुँचाने के लिए मैं क्या करता हूं? संत पापा ने संदेश में लिखा कि प्रार्थना, संस्कारों तथा हर परिस्थिति में लोगों के बीच हम ख्रीस्त को ढूँढ़ें।  हम उन्हें अपने मित्रों, परिवारों, सहपाठियों तथा जिन्हें कोई याद नहीं करता उन्हीं में प्राप्त कर सकते हैं।

संत पापा ने उन्हें निमंत्रण दिया कि वे अपने आप से बाहर आयें, अपना आराम त्यागें, सिर्फ अपने लिए सोचने के स्वार्थ का त्याग करें, जरूरतमंद लोगों की मदद करें, अपनी क्षमताओं द्वारा दूसरों की सहायता करें क्योंकि ख्रीस्त का अनुसरण करने का यही उत्तम रास्ता है।

संत पापा ने युवाओं की आशा एवं योजनाओं के लिए प्रार्थना की ताकि वे हर समय ख्रीस्त के प्रेम का एहसास कर सकें जो हमें अपना जीवन अर्पित करने एवं सेवा करने के लिए बुलाते हैं।








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