2018-03-21 16:41:00

ईश्वर युवा हैं, संत पापा


वाटिकन सिटी, बुधवार, 21 मार्च 2018 (वाटिकन न्यूज़)˸ थॉमस लेओनचिनी ने संत पापा फ्राँसिस के साथ हुए साक्षात्कारों को एक किताब में संकलित किया है जिसका विमोचन 20 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किया गया।

किताब का शीर्षक है ̎ ईश्वर युवा हैं।̎ किताब में संत पापा विश्वभर के युवाओं से वार्तालाप करते हैं। किताब का विमोचन इतालवी, स्पेनिश, जर्मन, फ्रेंच, पुर्तगाली, ब्राजीली, पोलिश, क्रोएशियाई, स्लोवाक, स्लोवेनियाई, चेक, और अंग्रेजी भाषाओं में किया गया जो अक्टूबर में युवाओं के लिए होने वाले सिनॉड हेतु उपलब्ध किया जाएगा।  

युवा पंखों के साथ नबी हैं

संत पापा ने साक्षात्कार में कहा है कि एक युवा एक नबी के समान होता है जिसे उसे महसूस करने की आवश्यकता है। उसे पंखसहित नबी होने पर सचेत रहने की जरूरत है। एक नबी का मनोभाव, भविष्यवाणी करने की क्षमता तथा बोलने एवं कार्य करने की क्षमता के प्रति उसे जागरूक रहने की आवश्यकता है। आज एक नबी में फटकार लगाने की क्षमता होनी चाहिए किन्तु उसमें परिप्रेक्ष्य भी होना चाहिए। युवाओं में ये दोनों गुण होते हैं। वे जानते हैं कि किस तरह फटकारना है किन्तु कई बार वे उसे व्यक्त नहीं करते। उनमें भविष्य का सर्वेक्षण करने एवं आगे देखने की क्षमता भी होती है।  

युवा आज उखाड़े गये समाज में जी रहे हैं

आज एक युवा को समझने के लिए हमें उन्हें अंदोलनों में समझने की आवश्यकता है। यदि हम युवाओं के साथ बातचीत करना चाहते हैं तो हमें सक्रिय होने की आवश्यकता है तब वे हमें सुनने के लिए अपनी गति धीमी करेंगे। जब वे अपनी गति धीमी करेंगे तब एक-दूसरे अंदोलन की शुरूआत होगी। बहुधा प्रौढ़ युवाओं को उखाड़ते हैं समाज की भलाई के लिए नबी बनने में मदद देने के बजाय वे उनकी जड़ों को हटाना चाहते हैं। वे उन्हें अनाथ और पृथक कर देना चाहते हैं। आज युवा एक उखाड़े गये समाज में जी रहे हैं। 

युवाओं से क्षमा मांगना

हमें युवाओं से क्षमा मांगने की आवश्यकता है क्योंकि हम उनके साथ गंभीरता से पेश नहीं आये हैं। हमने उन्हें रास्ता देखने एवं निर्माण करने में मदद नहीं की है जो उन्हें पृथक किये जाने से बचा सकता था। बहुधा हम उन्हें स्वप्न देखने हेतु मदद करने एवं उनमें उत्साह भरने में असमर्थ रहे हैं। परिवार जोड़ने, भविष्य का निर्माण करने एवं प्रौढ़ लोगों के अधिनस्थ की स्थिति से ऊपर उठने के लिए धन की खोज करना सामान्य है जिसको युवाओं ने बहुत लंबे समय तक सहन किया है।

कार्य आत्मा को संतुष्ट करता है न कि धन

हरेक को काम कर सकना चाहिए। हर मानव प्राणी को काम करने का ठोस अवसर प्राप्त होना चाहिए तथा यह प्रमाणित कर पाने का कि वे जीविका अर्जित कर सकते हैं। शोषण को स्वीकार नहीं किया जा सकता किन्तु अनेक युवा इसके शिकार हो रहे हैं जिन्हें अच्छे वेतन का वचन दिया जाता किन्तु अनुभव के अभाव का बहाना बना कर, उसे कभी पूरा नहीं किया जाता है। युवा हमसे मांग करते हैं कि हम उनकी सुनें और हमें उन्हें सुनना चाहिए, उन्हें स्वीकारना एवं उन्हें शोषण से बचाना चाहिए।    

लेखक के बारे

थॉमस लेओनचिनी एक इताली पत्रकार एवं लेखक हैं। 2017 में उनकी किताब बोर्न लिक्विड प्रकाशित हुई थी जो इटली में सर्वाधिक बेची गयी थी।  








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