2018-03-20 16:37:00

मानव तस्करी की शिकार अधिकांश महिलाएं देहात से


न्यूयॉर्क, मंगलवार, 20 मार्च 2018 (एशियान्यूज)˸ फ्राँसिसकन मिशनरी सिस्टर्स ऑफ मेरी (एफएमएम) की धर्मबहन आएन जीसस मेरी लुइस के अनुसार, भारत के देहात क्षेत्र ही मानव तस्करी के प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं।   

उन्होंने यह बात अमरीका में 1 से 13 मार्च तक आयोजित एक समिनार में कही जिसका शीर्षक था,  ̎देहात की महिलाओं एवं लड़कियों की तस्करी को रोकना ˸ उन्हें मानव अधिकार की प्रतिष्ठा से जोड़ना।̎  

सिस्टर आएन ने कहा कि लोग यह नाटक करना बंद करें कि ये लड़कियाँ शून्य स्थान से आती हैं। ये लड़कियाँ भी कहीं से आती हैं और हम जानते हैं कि वे कहाँ से आते हैं।

फ्राँसिसकन धर्मबहन ने मानव तस्करी से संघर्ष करने हेतु वर्षों तक गैरसरकारी संगठनों में काम किया है। उनके प्रयास ने उन्हें भारत सरकार ने 2016 में ̎ उत्तम समाज कार्यकर्ता ̎ के रूप में पहचान प्रदान की है।    

उन्होंने कहा, ̎यौन शोषण एक बड़ा व्यापार है। इसे अन्य पेशों की तरह ही मांग एवं आपूर्ति के व्यापार सिद्धांत द्वारा चलाया जाता है। जिसमें ग्रहकों के लिए यौन उपलब्ध कराया जाता है।

सिस्टर आएन मध्यप्रदेश में कार्यरत हैं जो आदिवासी बहुत क्षेत्र है और जो इस प्रकार के शोषण का सामना करने के लिए कमजोर हैं। उन्होंने कहा कि वे गरीब एवं अनपढ़ हैं उनके लिए स्वास्थ्य सुविधा का आभाव है और वे शहरों से काफी दूर रहते हैं जहाँ उन्हें गैरसरकारी संगठनों एवं सार्वजनिक लाभों का अवसर भी प्राप्त नहीं हो पाता है। तस्कर इन सभी बातों से अवगत हैं। वे जानते हैं कि बच्चों के माता-पिता आसानी से ठगे जा सकते हैं और कभी-कभी को वे इतने लाचार होते हैं कि खुद ही अपने बच्चों को बेच देते हैं।

समस्या के मद्देनजर धर्मबहन ने यौन शोषण हेतु उसकी आपूर्ति पर रोक लगाने हेतु प्रयास किये जाने पर जोर दिया।

उन्होंने सेमिनार के प्रतिभागियों से कहा कि उन परिवारों को साथ दिये जाने और उनके लिए अवसर प्रदान किये जाने की आवश्यकता है। उन्हें यह महसूस करने की आवश्यकता है कि समाज उनकी चिंता करता है।








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