2018-03-19 17:17:00

पूर्व-धर्मसभा के प्रतिभागी युवाओं को संत पापा का संदेश


वाटिकन सिटी, सोमवार 19 मार्च 2018 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस पूर्व-धर्मसभा के प्रतिभागी युवाओं से मुलाकात करने सोमवार प्रातः साढ़े आठ बजे वाटिकन से वाहन द्वारा रोम के परमधर्मपीठीय अंतरराष्ट्रीय कॉलेज ‘मरिया मातेर एकलेसिया’ विया औरेलिया के लिए प्रस्थान किये। 15 मिनट की यात्रा के बाद वे ‘मरिया मातेर एकलेसिया’ पहुँचे। कार्डिनल बालदिशेरी ने संत पापा का स्वागत किया।

संत पापा ने विभिन्न देशों से आये ख्रीस्तीय और अन्य धर्मों के युवाओं, विश्वसियों और गैर-विश्वासी युवाओं को यहाँ आने हेतु निमंत्रण को स्वीकार करने के लिए सहर्ष धन्यवाद दिया। संत पापा ने कहा,“प्रिय युवाओ, रोम में आपका स्वागत है। आप में से सभी काथलिक ख्रीस्तीय नहीं हैं और आप में से कुछ गैर-विश्वासी भी हैं आप निश्चित रूप से अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने की इच्छा से आये हुए हैं। मैं इस सप्ताह के दौरान इंटरनेट के माध्यम से जुड़ने वाले सभी युवाओं का भी स्वागत करता हूँ और आपके योगदान के लिए धन्यवाद देता हूँ।”

आपको दुनिया के युवा लोगों के प्रतिनिधियों के रूप में आमंत्रित किया गया है क्योंकि आपका योगदान अपरिहार्य है। हमें आने वाले अक्टूबर में होने वाले धर्माध्यक्षीय धर्मसभा की तैयारी के लिए आपके सहयोग की आवश्यकता है। धर्माध्यक्षीय धर्मसभा का विषय है,“युवा, विश्वास और बुलाहटीय आत्म-परख।” कलीसिया के इतिहास में और बाइबिल के कई स्थानों में,  ईश्वर ने युवाओं के साथ बाते की थी, उदाहरण के लिए, सामुएल, दाऊद और दानियल। मुझे भरोसा है कि ईश्वर इन दिनों आपके माध्यम से भी बात करेंगे।

संत पापा ने कहा कि बहुधा युवाओं से पूछे बिना ही युवाओं के बारे बातें करते और उनके लिए निर्णय लेते हैं। युवाओं की दुनिया के विश्लेषण का आसान तरीका उनके साथ आमने-सामने बैठकर बातें करना है। पर कुछ लोग सोचते हैं कि युवाओं के साथ एक निश्चित दूरी रखना बेहतर है। उनके कुछ संदेशों का आदान प्रदान करना या कुछ बातों को साक्षा करना पर्याप्त नहीं है। हमें युवा लोगों को गंभीरता से लेनी चाहिए क्योंकि वे अक्सर सार्वजनिक जीवन में हाशिये पर रखे जाते हैं। पर ऐसा कलीसिया नहीं चाहती है। सुसमाचार हमें बिना डर एक साथ मिलने, अपने विचारों को साझा करने, एक दूसरे के विचारों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने हेतु आमंत्रित करती है।

संत पापा ने कहा आने वाले धर्मसभा में युवाओं के जीवन की परिपूर्णता के लिए विशेष रुप से विश्वास और उनके बुलाहट को पहचानने के लिए उनकी सहायता पर विचार किया जाएगा। यह सच है कि ईश्वर हम प्रत्येक से प्रेम करते हैं और उन्होंने हम प्रत्येक को एक खास उद्देश्य से इस दुनिया में भेजा है। वे हमपर विश्वास करते हुए इसे पूरा करने के लिए हमें बुलाते हैं। येसु ने अपने पहले शिष्यों को सवाल पूछा था,“तुम क्या चाहते हो? (योहन 1,38) वे आज भी आपसे वही सवाल करते हैं और आपको आमंत्रित करते हैं कि उनके साथ जीवन की खोज करें और उसे दूसरों के साथ साझा करें। जिसने आपकी जिन्दगी बदल दी है उसे आप अपने तक ही सीमित न रखें। अपने मित्रों और सहपाठियों के साथ साझा करें। वे अनजाने में ही मुक्ति के संदेश की उम्मीद करते हैं जो उनकी जिंदगी को बदल देगी।

संत पापा ने इ-मेल में युवाओं के सुभावों को पढ़ा। कुछ युवकों ने लिखा है कि वे वयस्कों के नजदीक रहना चाहते हैं। जीवन सही का निर्णय लेने में बड़ों की मदद चाहते हैं। एक लड़की ने लिखा है कि युवाओं के अंदर छिपी शक्तियों और काबिलियत को बाहर निकालने के लिए उन्हें वयस्कों के मदद की जरुरत है। संत पापा ने युवाओं के सकारात्मक पहलुओं के अलावा नकारात्मक पहलुओं जैसे शराब, ड्रग्स, कामुकता औक उपभोगतावाद आदि खतरों को भी रेखांकित किया।

संत पापा ने द्वितीय वाटिकन महासभा में युवाओं को दिये संदेश की याद करते हुए कहा कि आज हमें स्वार्थ का सामना कर एक अच्छी दुनिया बनाने का साहस करना चाहिए। आप येसु में अपनी दृष्टि लगाये रखें। अपनी कमजोरियों के लिए उनसे माफी मांगे और पवित्र आत्मा द्वारा नई शुरुआत के लिए कृपा मांगे।

संत पापा ने कहा कलीसिया आपके समान युवा है क्योंकि सुसमाचार एक जीवन काल की तरह है यह लगातार नवीनता को पाता है। यह हमपर निर्भर करता है कि हम इस काम में कितना सहयोग देते हैं। हमें हिममत के साथ नये रास्ते पर आगे बढ़ने की जरुरत है। इस रास्ते पर भले ही जोखिम आये। जोखिम हमें मजबूत और प्रौढ़ बनाता है। कलीसिया को युवाओं के सच्चे चेहरे की आवश्यकता है जिसमें किसी तरह की नकल या बनावटी न हो।

संत पापा ने अंत में शुभकानाएँ देते हुए कहा कि वे खुलकर बिना डरे आपस में बातें करे और अपने विचार साझा करे। संत पापा ने उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया। 








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