2018-03-15 16:20:00

पाकिस्तानी धर्माध्यक्षों ने अपने देश की यात्रा हेतु संत पापा को आमंत्रित किया


रोम, बृहस्तपतिवार, 15 मार्च 2018 ( वीआर,रेई) : पाकिस्तानी धर्माध्यक्ष बृहस्पतिवार को संत पापा फ्राँसिस से अद-लीमिना मुलाकात के दौरान अपने देश पाकिस्तान का दौरा करने हेतु आमंत्रित किया। पाकिस्तानी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के सदस्य अद-लीमिना दौरे पर रोम आये हुए हैं। वे हर 5 साल में ऐसा दौरा करते हैं।

बृहस्तपतिवार प्रातःकाल संत पापा अपने प्रेरितिक निवास संत मार्था के प्रार्थनालय में धर्माध्यक्षों के साथ पवित्र ख्रीस्याग अर्पित की और बाद में वे 11 बजे करांची महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष जोसेफ काउटोस, लाहौर के महाधर्माध्यक्ष सेबास्टीन फ्राँसिस शॉ, हैदराबाद धर्मप्रांत को धर्माध्यक्ष सिमोन शुकारदिन और फैसलाबाद धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष जोसेफ अर्शाद से मुलाकात की। पाकिस्तानी धर्माध्यक्ष अपने धर्मप्रांत की स्थिति का ब्योरा संत पापा फ्राँसिस को दिया और देश की वर्तमान स्थिति पर विचार किया।

महाधर्माध्यक्ष जोसेफ ने बुधवार को चरच इन नाड को बताया कि संत पापा के निमंत्रण पर पाकिस्तानी सरकार का समर्थन प्राप्त है। 2015 में, पूर्व प्रधान मंत्री नवाज शरीफ ने दो संघीय मंत्रियों को व्यक्तिगत रूप से संत पापा को आमंत्रण पत्र देने के लिए रोम भेजा था।

महाधर्माध्यक्ष जोसेफ ने कहा कि "संत पापा फ्राँसिस सभी मुसलमानों सहित सभी पाकिस्तानियों द्वारा सम्मानित है, वे उन्हें शांति के दूत मानते हैं और इस्लामिक समुदाय के प्रति उनके रवैये की सराहना करते हैं। मिस्र के कैरो विश्वविद्यालय, अल-अजहर के साथ अच्छे संबंध हैं।"

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक ख्रीस्तीय समुदाय गिरजाघरों में हमले के कारण पीड़ित हैं। गत बर्ष 17 दिसम्बर को क्वेटा शहर के मेथोडिस्ट गिरजाघर में अंतिम बार हमला हुआ था। पवित्र स्थानों में रविवार और त्योहारों में पुलिस सुरक्षा दी जा रही है। "लगातार खतरा बना रहता है और हमें नहीं पता कि आतंकवादी कब और किस स्थान में फिर से हमला करेंगे।"

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि ख्रीस्तीयों के लिए बड़ी चिंता का दूसरा विषय, देश के विवादास्पद ईश निन्दा कानूनों का दुरुपयोग है। उन्होंने बताया कि हाल ही में लाहौर के एक ख्रीस्तीय लड़के पतरस मसीह को पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने के लिए गिरफ्तार किया गया है। दुख की बात तो यह है कि प्रायः निर्दोष लोगों को सबूत के बिना आरोप लगाते हैं और उनहें खुद को बचाने का कोई मौका नहीं दिया जाता है।








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