2018-02-26 14:55:00

संत पापा ने रोम के संत जेलासियुस पल्ली के दौरा किया


रोम, सोमवार 26 फरवरी 2018 (वीआर,रेई) :  संत पापा फ्राँसिस ने रविवार 25 फरवरी अपराहन को रोम के पोन्ते मामोलो स्थित संत जेलासियुस पल्ली का दौरा किया और उनके साथ पवित्र युखारिस्त समारोह का अनुष्ठान किया।

संत पापा ने अपने वाहन से स्थानीय समय अनुसार अपराहन 4 बजे वाटिकन से रोम के बाहरी इलाके में स्थित संत जेलसियस के पारिश के लिए प्रस्थान किया। संत पापा ने वहाँ पल्ली के युवाओं, बीमारों, परिवारों और कारितास कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। संत पापा ने गाम्बिया गणराज्य के 18 और 25 वर्षीय दो युवाओं के साथ भी मुलाकात की जिन्हें पल्ली ने उन्हें शरण दिया है।

मुलाकात के बाद लगभग 6 बजे संत पवित्र मिस्सा शुरु हुआ। अपने प्रवचन में संत पापा ने संत मारकुस के सुसमाचार में वर्णित येसु के रुपांतरण धटना पर प्रकाश डाला। 

उन्होंने कहा, येसु स्वयं रुपातरित होकर चेलों को स्वर्गराज की महिमा, प्रकाश और आनंद का अनुभव कराना चाहते थे। येसु अपने दुखभोग और क्रूस की यातना सहने और क्रूस पर मरने से पहले चेलों को इसके लिए तैयार करना चाहते थे। क्योंकि चेले सोचते थे कि येसु मुक्तिदाता हैं जैसे राजा युद्ध करके विजय हासिल करते थे उसी तरह येसु रोमियों से मुक्त करेंगे। येसु का मार्ग अलग था। येसु चेलों को समझाना चाहते थे कि उन्हें क्रूस पर अपमान के साथ एक अपराधी की तरह मरना होगा। परंतु अपने रुपांतरण के द्वारा येसु उन्हें दिखाना चाहते थे कि दुख के बाद स्वर्गराज की महिमा उनका इन्तजार करती है।

येसु ने जिस तरह चेलों को दुखभोग के लिए तैयार किया था वे हमें भी तैयार करते हैं। येसु हमें हमारे दुख और तकलीफों में कभी अकेले नहीं छोड़ते हैं।

संत पापा ने कहा, जैसे चेलों को बादल से वाणी सुनाई पड़ी, “यह मेरा प्यारा पुत्र है इसकी सुनो।” येसु को सुनना यह एक निश्चित मार्ग है। जब हम कठिनाई में हैं या किसी परेशानी में हैं तो हम कुछ देर रुककर येसु की सुनें और खुद से पूछें: "आज येसु ने मुझे क्या कहा? काना के विवाह-भोज में मरियम ने नौकरों से कहा वह जो कहे उसे ही करना। माता मरियम की बातों में दृढ़ता थी" अगर हम येसु की बातों को अनसुनी कर दें तो जीवन को पूरी तरह से हम जी नहीं पायेंगे। अच्छे और बुरे, सभी समय हमें कुछ देर रुककर येसु की बातें सुननी और उसी के मुताबिक अगला कदम बढाना चाहिए।

संत पापा ने कहा "इस चालिसे में हम आइये हम दो बातों को याद करें परीक्षा और दुख के समय यह याद करें कि इसके बाद प्रभु की महिमा के हम सहभागी होंगे तथा  दूसरी बात कि हमें हमेशा याद करनी है कि येसु हमारा इन्तजार करते हैं इसलिए थोड़ा रुके और उनसे बाते करें। उसकी सुने। वे हमारे जीवन की घटनाओं द्वारा, सुसमाचार के वचनों द्वारा और हमारे दिल में हमारे साथ बातें करते हैं।"  

पवित्र मिस्सा संपन्न होने के बाद पल्ली पुरोहित डोन जुसेप्पे ने पल्लीवासियों की ओर से संत पापा को धन्यवाद दिया। विशेष रुप से उन्होंने पल्ली के एक परिवार के लिए एक घर का दान देने हेतु  संत पापा को धन्यवाद दिया। जिनका घर अचानक आग लगने की वजह से जल गया था। वो परिवार भा पवित्र मिस्सा में मौजूद थे।

जेलासियुस पल्ली की स्थापना 1972 में हुई थी।  यह पल्ली करीब 250 गरीब लोगों की सहायता करती हैं हर गुरुवार को उनके लिए कपड़े और खाद्य सामग्री वितरित किए जाते हैं। इसके अलावा गुरुवार को कैंटीन 50 से अधिक लोगों को नाश्ता और दोपहर का भोजन प्रदान करता है।








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