2018-02-23 11:20:00

भारत की जनजातियों को मान्यता देने का आह्वान


नई दिल्ली, शुक्रवार, 23 फरवरी 2018 (ऊका समचार): संयुक्त राष्ट्र संघ के अधिकारी फूलमन चौधरी ने भारत के एक करोड़ चालीस लाख आदिवासियों को आधिकारिक मान्यता देने का आह्वान किया है।

नई दिल्ली में विगत सप्ताहान्त येसु धर्मसमाज द्वारा संचालित भारतीय सामाजिक संस्था में आदिवासियों के अधिकारों पर आयोजित दो दिवसीय मंच के दौरान प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए श्री चौधरी ने कहा, "एक दशक पूर्व संयुक्त राष्ट्र संघ ने आदिवासियों के अधिकारों पर एक घोषणा पत्र जारी किया था किन्तु अब तक भारत के आदिवासियों को आधिकारिक मान्यता नहीं मिल पाई है।"

उन्होंने कहा, "जब तक भारत आदिवासी समुदायों की पहचान स्वदेशी लोगों में नहीं करेगा तब तक आदिवासी आबादी पीड़ित रहेगी तथा संयुक्त राष्ट्र संघीय घोषणा पत्र में निहित उनके अधिकारों को सुनिश्चित नहीं किया जा सकेगा।"  

उन्होंने ऊकान्यूज़डॉटकॉम से कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ का घोषणा पत्र सबसे व्यापक अंतरराष्ट्रीय साधन है क्योंकि यह स्वदेशी लोगों के जीवन, उनकी गरिमा और उनके कल्याण हेतु न्यूनतम मानकों का एक सार्वभौमिक ढांचा स्थापित करता है।

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघीय घोषणा पत्र के अनुकूल आदिवासियों को स्वदेशी जातियों रूप में आधिकारिक मान्यता प्रदान करना उन्हें उनके अधिकारों से सम्मानित करना होगा।








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