2018-02-23 11:28:00

धर्मनिरपेक्षता की सुरक्षा का काथलिक धर्मसमाजियों ने किया प्रण


राँची, शुक्रवार, 23 फरवरी 2018 (ऊका समचार): झारखण्ड में सेवारत  31 धर्मसमाजों एवं धर्मसंघों के काथलिक पुरोहितों एवं धर्मबहनों ने भारतीय संविधान में निहित धर्मनिर्पेक्षता एवं प्रजातंत्रवाद की सुरक्षा का प्रण किया है।

हाल में कुछेक हिन्दू चरमपंथी संगठनों द्वारा भारत को एक थेयोक्रेटिक यानि धर्मतंत्रवादी राष्ट्र बनाने की घोषणा के उपरान्त राँची में काथलिक कलीसिया की न्याय एवं शांति सम्बन्धी समिति के तत्वाधान में एक तीन दिवसीय सम्मेलन सम्पन्न हुआ।

इस सम्मेलन के उपरान्त समन्वयकर्त्ता काथलिक पुरोहित फादर जैकब पिन्नीकापरमपिल ने ऊका समाचार से कहा, "भारतीय संविधान की धर्मनिरपेक्ष, सामाजिक एवं प्रजातंत्रवादी प्रकृति को गौण करनेवाली शक्तियों की वास्तविकता के प्रति सचेत होकर हमें तत्काल इन मूल्यों की रक्षा हेतु प्रयास करने की नितान्त आवश्यकता है।"

उक्त सम्मेलन में विभिन्न धर्मसमाजों एवं धर्मसंघों के 60 से अधिक पुरोहितों एवं धर्मबहनों ने, "वर्तमान भारत में धर्मनिर्पेक्ष प्रजातंत्रवाद के समक्ष प्रस्तुत चुनौतियों पर विशद विचार-विमर्श किया।

फादर पिन्नीकापरमपिल ने कहा, "जब तक हम अपने संविधान, उसके धर्मनिरपेक्ष, सामाजिक और लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रचार कर उन्हें सुरक्षित रखने हेतु प्रयास नहीं करेंगे तब तक देश में अल्पसंख्यकों के अधिकार सुरक्षित नहीं हो पायेंगे।" 

इसी बीच, समाज कार्यकर्त्ता फादर रॉय थॉमस ने शिक्षा द्वारा चरमपंथ एवं अतिवाद पर विजय पाने का परामर्श दिया और कहा, "समस्त ख्रीस्तीय स्कूलों में संवैधानिक मूल्यों की शिक्षा का प्रसार होना चाहिये ताकि छात्रों को इस बात का एहसास दिलाया जा सके कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को देश में प्रजातंत्रवाद की स्थापना के लिये किस प्रकार का संघर्ष करना पड़ा था।" 








All the contents on this site are copyrighted ©.