2018-02-23 11:36:00

पर्वत प्रवचन कलीसियाई एवं मानवीय तीर्थयात्रा का मार्गदर्शक


आरिच्या, इटली, शुक्रवार, 23 फरवरी 2018 (रेई, वाटिकन रेडियो): इटली के आरिच्या में सन्त पापा फ्राँसिस के साथ चालीसाकालीन आध्यात्मिक साधना में संलग्न परमधर्मपीठीय रोमी कार्यालय के धर्माधिकारियों के समक्ष शुक्रवार, 23 फरवरी को फादर होज़े तोलेनतीनो मेन्दोन्सा ने प्रभु येसु के पर्वत प्रवचन पर चिन्तन प्रस्तुत किया।      

फादर मेन्दोन्सा ने कहा कि येसु द्वारा पर्वत पर किया गया प्रवचन मनुष्यों को जीने की राह सिखाता है, वह कानून से भी बढ़कर है जो व्यक्ति को उसकी अस्मिता का एहसास दिलाता है। उन्होंने कहा कि इस प्रवचन में निहित आठ आशीर्वचन कलीसिया एवं मानव की तीर्थयात्रा में उनके मार्गदर्शक बनते हैं। 

फादर मेन्दोन्सा ने कहा, "पर्वत प्रवचन के आशीर्वचनों में स्वयं येसु मसीह प्रकट होते हैं, विशेष रूप से जब वे कहते हैं, "धन्य हैं वे जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है", इस आशीर्वचन में, उन्होंने कहा, "प्रत्येक विश्वासी येसु के मुखमण्डल के दर्शन कर उनपर चिन्तन कर सकता तथा उनके सदृश दीन मना बनने का प्रयास कर सकता है।"    

फादर मेन्दोन्सा ने कहा कि प्रभु येसु ख्रीस्त स्वयं वैसे हैं जैसे उन्होंने अपने आशीर्वचनों द्वारा हमसे आग्रह किया है, मन के दीन, विनीत, दयावान, न्याय और शांति के प्यासे, शांति निर्माता, सबका आलिंगन करने को तैयार तथा समाज के निम्न कहलाने वालों की मदद को तत्पर। उन्होंने कहा कि प्रभु येसु ख्रीस्त चाहते हैं कि हम इन आशीर्वनचों का वरण करें तथा उन्हीं की तरह शत्रुता दीवारों को गिराकर शांति का निर्माण करें।

शांति निर्माण कार्यों में संलग्न व्यक्तियों को प्रोत्साहन देते हुए फादर मेन्दोन्सा ने कहा कि प्रभु येसु मसीह ने कहा है, "जो लोग मेल कराते हैं वे धन्य हैं, वे ईश्वर के पुत्र कहलायेंगे।"

कलीसिया के समस्त कार्यकर्त्ताओं का उन्होंने आह्वान किया कि सुसमाचार में निहित आशीर्वचनों को आत्मसात कर वे लोगों के बीच मैत्री, पुनर्मिलन तथा शांति की स्थापना हेतु वे अपने स्वार्थों का परित्याग करें। उन्होंने कहा, "कलीसिया तब एक सजीव और जीवन्त कलीसिया होती है जब वह सब चुनौतियों का सामना करते हुए ज़रूरतमन्दों के प्रति अपने दरवाज़ों को खोल देती है। वह तब जीवन्त कलीसिया होती है जब वह विश्व के चौराहों पर जीवन यापन करनेवाले लोगों के तनावों का अनुभव करती तथा उन्हें दूर करने का प्रयास करती है।"








All the contents on this site are copyrighted ©.