2018-02-22 16:45:00

आध्यात्मिक साधना : अपनी ही प्यास से पीना सीखें


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 22 फरवरी 2018 (रेई): मानवीय कमजोरी एवं प्रलोभन के साथ येसु का संघर्ष, अरिच्चा में संत पापा फ्राँसिस एवं परमधर्माध्यक्षीय रोमी कार्यालय के कर्मचारियों की आध्यात्मिक साधना के संचालन फादर होशे तोलेनतीनो मनदोनका का बुधवार के दूसरे प्रवचन के चिंतन का सार था।

सातवें चिंतन में फादर होसे ने कहा कि हमारी आध्यात्मिकता की सबसे बड़ी बाधा हमारी कमजोरी नहीं है बल्कि हमारी कठोरता और आत्मनिर्भरता है। अतः हमें अपनी प्यास से सीखना चाहिए। फादर होसे ने कहा कि हमारी प्यास को येसु के दुखभोग से प्रेरित होना चाहिए।

अपनी प्यास से पीने का अर्थ है आध्यात्मिक यात्रा करना में आगे बढ़ना। मानवता जिसका आलिंगन करने हेतु हम संघर्ष कर रहे हैं वह वही मानवता है जिसका आलिंगन येसु ने भी किया क्योंकि वे प्यार से हमारी वास्तविकता की ओर झुकाते हैं, न कि उस आदर्श की दिशा में जिसका निर्माण हम करते हैं। ईश्वर के पुत्र के रहस्य का अर्थ है जीवन के एक गैर-वैचारिक दृष्टि को अपनाना।

कुछ मायने में प्यास हमें मानवीय बनाता है और यही एक रास्ता है जिसके द्वारा हम आध्यात्मिक रूप से प्रौढ़ बनते हैं। थॉमस मेरटॉन के अनुसार ख्रीस्त अपने को उससे प्रकट करना चाहते थे जिससे हम अपने को प्यार नहीं करते। यही कारण था कि उन्होंने हमारे दुखों एवं पीड़ाओं को अपने ऊपर लिया। संत पौलुस भी कहते हैं, "जब मैं कमजोर हूँ तभी मैं बलवान हूँ।" 

निर्जन प्रदेश में येसु की तीन परीक्षाएँ जिसमें पहली परीक्षा रोटी के लिए थी। येसु हमारी भौतिक आवश्यकताओं को जानते हैं किन्तु याद दिलाते हैं कि केवल रोटी ही नहीं है जिससे हम जीवित रह सकते हैं। उनका उत्तर वास्तविकता को अस्वीकार नहीं करता बल्कि यह समझने में मदद देता है कि हम एक बंजर भूमि की तरह है जिसको आत्मा के द्वारा आवास योग्य बनाये जाने की आवश्यकता है।

दूसरी परीक्षा को समझने के लिए फादर होसे ने मरूभूमि में इस्राएलों का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने मूसा से पीने हेतु जल की मांग की। हम भी उन्हीं की तरह सोचते हैं कि विश्वास करने का अर्थ है हमारी प्यास को तृप्त करना किन्तु येसु शिक्षा देते हैं कि हम अपनी प्यास को एकान्त में तथा प्रार्थना द्वारा व्यक्त करें।

येसु ने मूर्तिपूजा हेतु प्रलोभन का उत्तर देते हुए कह था, तुम अपने प्रभु ईश्वर की आराधना करो। संत मती रचित सुसमाचार में पुनर्जीवित प्रभु कहते हैं कि "उन्हें स्वर्ग में और पृथ्वी पर सारा अधिकार मिला है।"   

फादर होसे ने कहा कि शैतान अपनी आराधना कराना चाहता था किन्तु उसकी शक्ति केवल दिखावा है जबकि ख्रीस्त अपने पूर्ण समर्पण के द्वारा क्रूस के रहस्य से जुड़े हैं। यह एक बड़ा जोखिम है जब सत्ता या पद का प्रलोभन हमें क्रूस के रहस्य से दूर ले जाता है। इस प्रकार हम अपने भाई बहनों की सेवा से अपने को दूर कर लेते हैं। येसु हमें सिखलाते हैं कि हम किस तरह दूसरों के गुलाम न बनें और न ही दूसरों को अपना गुलाम बनायें बल्कि केवल ईश्वर की आराधना करें एवं एक याजक के रूप में दूसरों की सेवा करें।








All the contents on this site are copyrighted ©.