2018-02-17 14:08:00

संत पापा मारोनाइट याजकों से: अपने लोगों के लिए प्रकाश बनें


वाटिकन सिटी, शनिवार 17 फरवरी 2018 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 16 फरवरी को वाटिकन के सामान्य लोक सभा परिषद में रोम स्थित परमधर्मपीठीय मारोनाइट कॉलेज के पुरोहितों और गुरुकुल के छात्रों का अभिवादन कर कहा कि इन वर्षों के दौरान उन्होंने जो प्रशिक्षण पाया है वह लेबनान और पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में प्रेरितिक कार्यों की आधार शिला बनेगी।

संत पापा फ्रांसिस ने उन्हें संत मारॉन के विश्वास और प्रेम के गुणों का अनुकरण करने हेतु आमंत्रित किया, जो आज आध्यात्मिक रुप मे भूखे-प्यासे लोगों के आदर्श हैं।

प्रशिक्षण की अहमियत

अपने संदेश में संत पापा ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें अध्ययन के इन वर्षों में अस्थायी और दिखावा की संस्कृति द्वारा अवशोषित होने के जोखिम" से सावधान रहने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि अध्ययन के दौरान उन्हें "दुनियादारी और सांसारिक आकर्षण के प्रति लड़ने और अपने आप को मजबूत बनाने का अवसर मिला है।

संत पापा ने यह भी टिप्पणी की कि इन वर्षों का प्रशिक्षण उनके लिए "रोमन जिम" की तरह है, जहां उन्हें समुदाय में अनुशासित जीवन और अपनी प्रतिभाओं को विकसित करने हेतु ईश्वर और उनके अधिकारी मदद करते हैं।

लेबनान और मध्य-पूर्व

संत पापा फ्राँसिस ने उन्हें इस बात पर ध्यान दिलाया कि जो महाविद्यालय में याजक बनने की तैयारी हेतु अध्ययन करने आये हैं वे इस चुनौतियों और खतरों वाले समय में आशा के साथ जीवन जीने के लिए बुलाये गये हैं। दुर्भाग्य से मध्य पूर्व को अस्थिरता प्रभावित कर रही है ऐसी परिस्थिति में जिन लोगों के साथ वे पुरोहित के रुप में उनकी सेवा करेंगे वे उनसे सांत्वना की आशा करेंगे।

शांति और युवा

संत पापा ने उनके साथ अपनी दो इच्छाओं को साझा किया। पहला है शांति की इच्छा करना। संत जॉन पॉल द्वितीय का हवाला देते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने आशा व्यक्त की कि अपने देश लेबनान में ये भावी पुरोहित यह सुनिश्चित करें कि वे अपने देश, अपने क्षेत्र के लोगों के लिए प्रकाश बनकर उनके साथ काम करें। वे शांति का संकेत बनें जो सिर्फ ईश्वर से आती है।

संत पापा ने अपनी दूसरी इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि यह युवा लोगों से संबंधित है। उन्हें युवाओं का साथ बड़े धैर्य और विश्वास के साथ देना होगा। संत पापा ने इस बात पर जोर देते हुए कहा, "युवा लोग, भविष्य की आशा हैं, अतः उनकी प्रेरिताई के लिए वे सबसे गंभीर निवेश हैं।"

अंत, में संत पापा ने इस मरोनाइट समुदाय को लेबनान की माता मरियम और उनके महान संतों की सुरक्षा में समर्पित करते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।  








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