2018-02-17 15:09:00

मानवीय चाह की गहरी आवाज को सुनने का प्रयत्न करें


वाटिकन सिटी, शनिवार, 17 फरवरी 2018 (वाटिकन न्यूज़): "तृष्णा जिससे चाह उत्पन्न होती है, हमें मानवीय चाह की गहरी आवाज को सुनने का प्रयत्न करना चाहिए जो हमारे हृदय में ईश्वर की खोज है।" उक्त बात फादर जोश तोरेनतीनो मेनदोनका ने वाटिकन न्यूज़ को दिये एक साक्षात्कार में कही।

फादर जोश तोरेनतीनो मेनदोनका, संत पापा फ्राँसिस एवं परमधर्माध्यक्षीय रोमी कार्यालय के कर्मचारियों की आध्यात्मिक साधना का संचालन करेंगे।

भावनात्मक एवं आध्यात्मिक रूप से आध्यात्मिक संचालन हेतु किस तरह तैयारी की जानी चाहिए?

इस सवाल का उत्तर देते हुए फादर जोश ने कहा कि एकान्त में ही ईश्वर हमारे मुख में उपयुक्त शब्द रख देते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने समुदाय के धर्मबंधुओं द्वारा प्रार्थनाओं, पत्रों एवं शुभकामनाओं के माध्यम से पूर्ण समर्थन मिला है। उन्होंने स्वीकार किया कि यह उनके लिए पहला अवसर है जब वे विश्वव्यापी कलीसिया को सेवा प्रदान करेंगे। 

चिंतन की विषय वस्तु "तृष्णा की प्रशंसा" रखी गयी है, क्यों तृष्णा?

फादर ने कहा कि प्यास से बढ़कर क्या है? प्यास के द्वारा चाह प्रवाहित होती है। हमें मानवीय चाह की गहरी आवाज को सुनना चाहिए जो हमारे हृदय में ईश्वर की खोज है। हमारी यह प्यास उस प्यास के समान है जिसका अनुभव येसु ने क्रूस पर से किया था। येसु ने किसी चीज की मांग नहीं की और न ही किसी चीज की शिकायत की किन्तु उन्होंने कहा, "मैं प्यासा हूँ।" इस शब्द में मानव जाति के लिए उनकी योजना है। हमारी प्यास में हमारे लिए अवसर है कि हम उस मानवता की खोज करें जो ईश्वर की योजना के अनुसार है।

उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में विस्मय करने की क्षमता में कमी आ जाती है क्योंकि हम ईश्वर की उस वाणी को सुन नहीं पाते हैं जिसको उन्होंने अब्राहम से कहा था, अपना देश छोड़कर उस देश की ओर प्रस्थान करो जिसे मैं दिखाऊँगा। आश्चर्य इस बात में है कि हम अपने आप से बाहर निकलें। यह एक निमंत्रण है जिसे ईश्वर हर दिन देते हैं।

विदित हो कि संत पापा फ्राँसिस अपने सभी कर्मचारियों के साथ 18 से 23 फरवरी तक, इटली के अरिच्चा आध्यात्मिक साधना केंद्र में चालीसा के अवसर पर आध्यात्मिक साधना में भाग लेंगे।








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