2018-02-14 16:20:00

पाकिस्तान, वलेंटाइन डे: मुसलमानों के लिए प्रतिबंध, ख्रीस्तीयों के बीच विभाजन


लाहौर,बुधवार 14 फरवरी 2018 (एशियान्यूज) : पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथोरिटी (पीईएमआरए) ने टीवी चैनलों को वलेंटाइन डे के दिन से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देने से प्रतिबंधित कर दिया है। आज 14 फरवरी वलेंटाइन डे है।

अधिकांश मुसलमानों के लिए यह इस्लामिक सिद्धांत के विपरीत है। क्योंकि इस घटना को दुनिया भर में रोमांटिक प्रेम का त्योहार से जाना जाता है। एशिया न्यूज से बात करते हुए, कलीसिया के नेताओं ने इस मामले पर विवादित राय व्यक्त की।

लाहौर के अंगलिकन धर्माध्यक्ष इरफान जमील के अनुसार इस त्योहार का ख्रीस्तीय धर्म से कोई संबंध नहीं है "इसलिए इसके प्रतिबंध से कोई फर्क नहीं पड़ता। प्रेम को वर्ष में केवल एक ही बार नहीं मनाया जाना चाहिए।"

इस्लामाबाद-रावलपिंडी के धर्मप्रांत के सामाजिक संचार आयोग के निदेशक फादर नासिर विलियम्स के पास अन्य विचार हैं।"प्रतिबंध अज्ञानता का अंतिम [रूप] है, विचारधारा की स्वतंत्रता पहले ही हमारे देश में सीमित है।"

उन्होंने कहा, "प्रेम कहानियों के आधार पर मोबाइल फोन जब्त किये जा रहे हैं या टीवी पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। कोई भी इन उपहारों को खरीदने के लिए लोगों को मजबूर नहीं कर रहा है। लोगों को नियंत्रित करने के प्रयासों या मीडिया के एक भाग को ब्लैकआउट करने से भी इसमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा।"

वलेंटाइन डे तीसरी शताब्दी के एक ख्रीस्तीय शहीद के नाम पर रखा गया है। इस उत्सव ने मुसलमानों को विभाजित कर दिया है। हर साल, इस्लामी कट्टरपंथियों के समूह विरोध का आयोजन करते हैं और लोगों को दिन का जश्न नहीं मनाने का आग्रह करते हुए पर्चे बांटते हैं।

सोशल मीडिया के साथ ही ऑनलाइन और प्रिंट मीडिया पर लगाये गये प्रतिबंध का यह दूसरा वर्ष है। पिछले साल इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया था कि "आधिकारिक स्तर पर और किसी भी सार्वजनिक स्थान पर कोई समारोह आयोजित नहीं की जाएगी।"

फादर विलियम ने कहा कि काथलिक कलीसिया वलेंटाइन डे को नहीं मनाएगी क्योंकि इस वर्ष इसी दिन ‘राख बुधवार’ चालिसा का पहला दिन पड़ता है। "हम अवैध संबंधों को प्रोत्साहित नहीं करते हैं, पर लोगों को प्यार की आध्यात्मिकता को सीखने की आवश्यकता है।"








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