2018-02-12 15:54:00

परीक्षा में डाला गया विश्वास धैर्य उत्पन्न करता है, संत पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, सोमवार 12 फरवरी 2018 (रेई): "परीक्षा में डाला गया आपका विश्वास आपमें धैर्य उत्पन्न करता है।" उक्त बात संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 12 फरवरी को प्रेरितिक आवास संत मार्था के प्रार्थनालय में पवित्र यूखारिस्त समारोह का अनुष्ठान करते वक्त अपने प्रवचन में कही।

संत पापा ने संत याकूब के पत्र से लिये गये पाठ पर चिंतन करते हुए कहा, "हमारे जीवन की कठिनाईयों और परीक्षाओं में धैर्य रखने का क्या अर्थ हो सकता है? यह समझना आसान नहीं है। जो ख्रीस्तीय विश्वास पर जीवन जीता है उसके लिए धैर्य परित्याग या हार नहीं है परंतु यह एक सद्गुण है।

जीवन के सफर में हमेशा अच्छी चीजें नहीं मिलती है। संत पापा ने एक दम्पति का उदाहरण देते हुए कहा कि जब एक माता-पिता के लिए विकलांग बच्चे का जन्म होता है तो सर्वप्रथम उन्हें अपने बच्चे को विकलांगता के साथ स्वीकार करना और सालों-साल उसकी देखभाल करना आसान नहीं है। परंतु माता पिता ईश्वर को उस बच्चे के लिए धन्यवाद देते हैं। उनका बच्चा जीवित है और उनके साथ है। यह उनके धैर्यता का एक गुण है।

ख्रीस्तीय धैर्य हार के मार्ग पर नहीं जाता।

संत पापा ने कहा कि मुक्ति के इतिहास में अपने लोगों के प्रति पिता ईश्वर के धैर्य को पाते हैं। इस्राएली जिद्दी थे। वे बार बार अपने ईश्वर को छोड़ देते थे। उन्होंने सोने का बछड़ा बनाकर उसकी पूजा की। फिरभी ईश्वर ने धैर्य के साथ उन्हें वापस ले आया। पिता ईश्वर ने अपने मिशन को पूरा करने के लिए अपने बेटे को इस दुनिया में भेजा। प्रभु येसु ने बड़े धीरज के साथ हमें पिता ईश्वर से मिलाया।

संत पापा ने कहा कि मध्य पूर्व ख्रीस्तीयों को अपने विश्वास के खातिर अनेक कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। वे धैर्य पूर्वक दुख सहते हैं और इस तरह वे ईश्वर के धैर्य में सहभागी होते हैं। प्रवचन के अंत में संत पापा ने कहा, "आइये हम प्रभु से अपने लिए और दुख-कष्ट सहने वाले सभी विश्वासियों के लिए इस सुंदर गुण के लिए प्रार्थना करें।"  








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