2018-02-08 17:04:00

पापी संत बन सकते हैं किन्तु भ्रष्ट नहीं


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 8 फरवरी 18 (रेई): हर दिन जागते रहें ताकि प्रभु से दूर न चले जाएँ। यह बात संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार 8 फरवरी को, वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में कही। संत पापा ने प्रवचन में उस जोखिम पर प्रकाश डाला जो हम सभी के हृदय को दुर्बल बना देता है।

संत पापा ने कहा, "दाऊद पवित्र हैं यद्यपि वे पापी थे जबकि महान एवं विवेकी सुलेमान प्रभु द्वारा त्याग दिया गया क्योंकि वह भ्रष्ट था।"

राजाओं के पहले ग्रंथ से लिए गये पाठ पर चिंतन करते हुए संत पापा ने राजा सुलेमान एवं उसकी अवज्ञ पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "हमने एक अनोखी बात सुनी कि सुलेमान का हृदय, अपने पिता दाऊद के विपरीत, पूर्ण रूप से प्रभु के साथ संयुक्त नहीं रहा।"   

हृदय के दुर्बल होने की समस्या

संत पापा ने कहा कि यह एक अजीब बात है क्योंकि हम नहीं जानते कि सुलेमान ने बड़ा पाप किया था जबकि राजा दाऊद के बारे जानते हैं कि उनका जीवन कष्टमय था और वे एक पापी थे। संत पापा ने कहा कि इसके बावजूद दाऊद पवित्र हैं जबकि सुलेमान का हृदय प्रभु से विमुख हो गया। प्रभु ने जिन्हें महान बनाया और जिन्होंने धन के बदले प्रभु से प्रज्ञा की मांग की थी, वे प्रभु से विमुख कैसे हो गये? संत पापा ने कहा कि दाऊद एवं सुलेमान में अंतर इस बात की है कि दाऊद ने अपने पापों को स्वीकार किया और उनके लिए ईश्वर से क्षमा मांगी। वहीँ सुलेमान जिनकी प्रशंसा सारा संसार करता था और शेबा की रानी भी उनसे मिलने आयी थी, प्रभु से विमुख हो गया एवं दूसरे देवी-देवताओं की पूजा कर रहा था और इस पाप को उसने कभी महसूस नहीं किया।   

संत पापा ने कहा कि यहीं हृदय के कमजोर हो जाने की समस्या है। जब हृदय दुर्बल हो जाता है तब केवल पाप की स्थिति नहीं रह जाती, जिसको तुरन्त महसूस किया जा सके बल्कि हृदय के कमजोर होने की प्रक्रिया धीमी होती है जो हमें धीरे-धीरे ईश्वर से दूर करता और सुलेमान के समान हम अपनी यश एवं कीर्ति में खो जाते हैं।  

सुलेमान का अंत धीरे से भ्रष्टाचार में

हृदय के कमजोर हो जाने की अपेक्षा, अपने पापों को समझना बेहतर है। महान राजा सुलेमान का अंत चुपचाप भ्रष्टाचार में हो गया क्योंकि उसका हृदय कमजोर हो चुका था। 

संत पापा ने विश्वासियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कमजोर हृदय के लोग हारे हुए लोग हैं। यही कई ख्रीस्तीयों की स्थिति है। हम सोचते हैं कि हमने बड़ा पाप नहीं किया है। संत पापा ने प्रश्न किया, "किन्तु हमारा हृदय कैसा है क्या यह मजबूत है? क्या यह प्रभु के प्रति वफादार है अथवा उनसे धीरे-धीरे दूर हो रहा है?"

अपने हृदय पर हर दिन निगरानी रखें  

हृदय के कमजोर होने का मामला हम सभी के जीवन पर लागू हो सकता है। ऐसी स्थिति में हमें क्या करना चाहिए? उन्होंने कहा, "जागते रहें और अपने हृदय पर निगरानी रखें। हर दिन सावधानी पूर्वक अपने हृदय में क्या हो रहा है उसका अवलोकन करें।"

संत पापा ने कहा कि दाऊद पवित्र हैं यद्यपि वे पापी थे। एक पापी संत बन सकता है। सुलेमान विमुख हो गया क्योंकि वह पथभ्रष्ट था। एक पथभ्रष्ट संत नहीं बन सकता। अतः जागते हुए अपने हृदय की निगरानी करें। प्रभु के साथ अपने संबंध की जाँच करें तथा वफादार बने रहने के आनन्द एवं सौंदर्य का सुख प्राप्त करें।








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