2018-02-08 16:57:00

एकता और संविधान के लिए, केन्या के काथलिक धर्माध्यक्षों की अपील


केन्या, बृहस्पतिवार, 8 फरवरी 2018 (रेई): केन्या के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने सरकार और विपक्षी दल द्वारा किए गए असंवैधानिक कृत्यों के लिए गहरी चिंता व्यक्त की है तथा उन्होंने एक घोषणा जारी करते हुए मीडिया की स्वतंत्रता के सम्मान को प्राथमिकता दिये जाने की मांग की है।

यह संदेश देश के तीन सबसे महत्वपूर्ण निजी टेलीविजन स्टेशनों के अचानक बंद होने के एक हफ्ते बाद आया, जब सरकार द्वारा रैला ओडिन्गा के शपथ ग्रहण समारोह के प्रसारण को रोकने हेतु दबाव डाला गया था। 26 अक्टूबर के चुनाव में राष्ट्रपति केन्याटा ने ओडिंगा को हराया, जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त के चुनाव परिणामों को रद्द किया, जिसमें ओडिंगा की जीत हुई थी। जबकि ओडिंगा ने 26 अक्टूबर के वोट का बहिष्कार करते हुए शपथ ग्रहण किया।

केन्याई धर्माध्यक्षों के मुताबिक, मीडिया बंद करना "अपने आप में एक रूढ़िवाद है तथा संविधान में एक सामाजिक अनुबंध के रूप में देश और उसकी आबादी की स्थापना सकारात्मक कदमों को नष्ट करने के लिए जानबूझकर किया गया एक प्रयास है।" इसी के मद्देनजर धर्माध्यक्षों ने स्मरण दिलाया है कि अनुच्छेद 34 में मीडिया की स्वतंत्रता की गारंटी दी गयी है एवं विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संधियों द्वारा केन्या सरकार ने इसे स्वीकृति प्रदान की है।

पिछले सोमवार को तीन बंद टीवी स्टेशनों को फिर से खोलने की मांग करते हुए लोगों ने नैरोबी शहर के सरकारी कार्यालयों पर प्रदर्शन किया, जिन्हें पुलिस ने आंसू गैस द्वारा तितर–बितर किया था।

धर्माध्यक्षों ने कहा, "सरकार एवं विपक्ष दोनों ही दल किसी भी प्रकार के भड़काव कार्य को रोकें जो केन्या के लोगों के बीच विभाजन लाता हो।" उन्होंने सिद्धांतों, संविधान की भावना, मानव अधिकार तथा मौलिक स्वतंत्रता का सम्मान करने की अपील की साथ ही साथ, शनिवार 10 फरवरी को किसूमू महाधर्मप्रांत में चालीसा काल के लिए एक अभियान हेतु लोगों को एक सभा में भाग लेने का निमंत्रण दिया।

इस अभियान की विषयवस्तु होगी, "शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और राष्ट्रीय एकता के लिए मेल-मिलाप ... सभी के लिए न्याय।" 








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