2018-02-06 17:19:00

प्राकृतिक आपदाओं से बचने हेतु कारीतास द्वारा प्रशिक्षण


श्रीनगर, मंगलवार, 6 फरवरी 2018 (ऊकान): भारत के काश्मीर में काथलिक उदारता संगठन की भारतीय शाखा ‘कारीतास इंडिया’, स्वयंसेवक को प्रशिक्षण दे रही है ताकि प्राकृतिक आपदाओं के समय लोगों की जान बचायी जा सके। 

जम्मू एवं कश्मीर राज्य सरकार तथा कारीतास संयुक्त रूप से 10 गांवों में आपदा जोखिम कम करने के लिए परियोजना चला रहे हैं।

कारीतास इंडिया के कार्यक्रम समन्वयक अल्ताफ लोन ने कहा कि कश्मीर घाटी में बाढ़, भूकंप, भूस्खलन और हिमस्खलन के साथ-साथ उच्च वेग हवाओं जैसे आपदाओं की संभावनाएँ हैं। रहिला हसन इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर द्वारा किए गए शोध से पता चला है कि सन् 1889 से सन् 1990 के बीच राज्य में कम से कम 170 भूकंप हुए हैं।

हाल के दशकों में भूकंप, हिमपात, बाढ़ और भारी बारिश ने इस क्षेत्र में हजारों लोगों को मारा है। उदाहरण के लिए, 2005 में 7.4 तीव्रता वाले भूकंप ने सीमा के भारतीय हिस्से पर 1,350 लोगों को मार डाला था और पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित कश्मीर के दूसरे हिस्से में 79,000 लोग मारे गए थे।

2014 में, कश्मीर में बाढ़ से 460 लोगों की मृत्यु हो गयी थी।

इस प्रशिक्षण में मूल रूप से चिकित्सा प्रशिक्षण, बचाव तकनीक और राहत शिविर प्रबंधन, लोगों को आकस्मिक नियोजन में शामिल होने के लिए सिखाया जा रहा है।

निवासियों को व्यक्तिगत दस्तावेजों, पेयजल, आरक्षित भोजन, रस्सियों और रेडियो के साथ-साथ अतिरिक्त बैटरी, दवाओं एवं रोशनी की व्यवस्था करके भागने की तैयारी करने की सलाह दी जाती है। प्राकृतिक आपदाओं के विरुद्ध अपनी फसलों का बीमा करने के संबंध में भी स्थानीय लोगों को संपर्क और जानकारी दी जाती है।








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