2018-02-05 16:45:00

मौन रुप से आराधना करना सिखायें, संत पापा


वाटिकन सिटी, सोमवार 5 फरवरी 2018 (रेई) : "सुनिये और माफ कीजिए" इतना ही कहते हुए, आइए हम आराधना में कुछ समय बितायें।" यह बात संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 5 फरवरी को अपने प्रेरितिक आवास संत मार्था के प्रार्थनालय में पवित्र मिस्सा के दौरान कही।

संत पापा ने राजाओं के ग्रंथ से लिये गये आज के पहले पाठ पर चिंतन किया जहाँ राजा सुलेमान ने अपने लोगों को प्रभु के विधान को सियोन से ले आने के लिए येरुसालेम मंदिर बुलाया था। संत पापा ने कहा,"हमें जीवन यात्रा में अपने दिल में ईश्वर के विधान और बुलावे की याद करते हुए एवं आराधना की प्रार्थना करते हुए आगे बढ़ना चाहिए।"

संत पापा ने कहा कि समतल मार्ग के समान ढलान मार्ग पर यात्रा करना आसान नहीं है। विधान की मंजूषा को उपर लाने के लिए लोगों को और ईश्वर के विधान दो पत्थरों की पाटियों को याद करना पड़ेगा जिसमें लिखा था मैं तुमसे प्रेम करता हूँ तुम मुझसे प्रेम करते हो। पहला आदेश ईश्वर को प्यार करना और दूसरा अपने पड़ोसी को प्यार करना। इस्राएली लोगों ने संदूक को पवित्र स्थान में ले आये और जैसे ही पुरोहित बाहर निकले, बादल और यहोवा का तेज मंदिर में भर गया। लोग चढ़ाई पर यात्रा करते समय मौन रहकर आराधना करते हुए मंदिर में प्रवेश किये थे।

संत पापा ने कहा कि अक्सर हम लोगों को आराधना करना नहीं सिखाते हैं। हम लोगों को गीत गाते हुए और प्रार्थना करते हुए आराधना करना सिखाते हैं। ईश्वर की मौन आराधना हमें ईश्वर की महानता का अनुभव कराता है। संत पापा ने पल्ली पुरोहितों से आग्रह किया कि वे अपने लोगों को मौन रुप से आराधना करना सिखायों। ईश्वर की महनता को प्रकट करने के लिए अक्सर हमारे शब्द कम पड़ जाते हैं। उनकी आराधना हेतु उपयुक्त शब्द नहीं मिलते हैं।

संत पापा ने आने वाले कल के पाठ का जिक्र करते हुए कहा कि राजा सुलेमान प्रभु से सिर्फ दो शब्द ही कह पाते हैं "सुनिये और माफ कीजिए।" संत पापा ने उपस्थित समुदाय को ईश्वर की मौन रुप से आराधना करने हेतु आमंत्रित करते हुए कहा, "आइये हम भी कुछ देर मौन रहकर प्रभु की आराधना में समय बितायें।" 








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