शिलोंग, बृहस्पतिवार, 1 फरवरी 2018 (ऊकान): मेघालय में कलीसिया के प्रतिनिधियों एवं आदिवासी नेताओं ने कॉन्ग्रेस दल के अध्यक्ष राहुल गाँधी को जानकारी दी कि देशभर में अल्पसंख्यक संस्थाओं पर हमले की खबरों ने उनमें असुरक्षा की गहरी भावना भर दी है।
27 फरवरी को 60 सदस्यों की मेघालय विधानसभा चुनावों के प्रचार हेतु राहुल गांधी दो दिवसीय यात्रा पर थे।
कलीसिया के प्रतिनिधियों एवं आदिवासियों और अन्य अल्पसंख्यक नेताओं ने मुलाकात में कॉन्ग्रेस अध्यक्ष को बतलाया कि वे खासकर, भोजन, भाषा एवं संस्कृति के प्रति असहिष्णुता की भावना से चिंतित हैं।
मुलाकात के उपरांत उत्तरी भारत के धर्माध्यक्ष माइकेल ने पीटीआई को बतलाया, "हमने उस विचारधारा के प्रति चिंता व्यक्त की जो थोपा जा रहा है जो कि खतरनाक है। हमें एक साथ बढ़ना एवं सभी का सम्मान करना है।"
यूनिटेरियन कलीसिया के नेता डेर्रिक पी. पारियात ने कहा कि उन्होंने राहुल के साथ परस्पर संवादात्मक मुलाकात की जिसमें उन्होंने कई मुद्दों पर असहमति व्यक्त की।
उन्होंने बतलाया कि राहुल ने विविधता में एकता पर प्रकाश डाला तथा कहा कि कॉन्ग्रेस पार्टी देश में समावेशी भावना के सिद्धांत को नहीं बदलेगी वरन् राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय हित की रक्षा करेगी।
कलीसिया के धर्मगुरूओं ने देश में धार्मिक असुरक्षा के बढ़ते प्रभाव के बारे भी चिंता व्यक्त की।
भारत की प्रेसबितेरियन कलीसिया के नेता जी. एस. लैट्टान ने कहा, "अल्पसंख्यक धार्मिक समुदायों के रूप में हमने देश की वर्तमान स्थिति के मद्देनजर अपनी असुरक्षा की भावना को व्यक्त किया।"
उन्होंने कहा कि पूरे देश में बड़े पैमाने पर गिरजाघरों, कलीसिया के नेताओं और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के बाद उन्हें लगता है कि केंद्र और राज्यों में राजनीतिक संरक्षण की आवश्यकता है।
कॉन्ग्रेस प्रमुख ने ग़ैरसरकारी संगठन, स्वयं सहायता समूह, कॉलेज के प्राध्यापकों एवं आदिवासी संस्थाओं समेत कई दलों के लोगों से मुलाकात की। उन्होंने संत एडमंड कॉलेज में महिलाओं से भी मुलाकात किया।
All the contents on this site are copyrighted ©. |