2018-01-30 15:56:00

नया प्रेरितिक संविधान द्वारा काथलिक उच्च शिक्षा में सुधार


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 30 जनवरी 2018 (रेई): वाटिकन ने सोमवार को कलीसियाई विश्व विद्यालयों और संकयों पर संत पापा फ्राँसिस के नये प्रेरितिक संविधान "वेरीतातिस गौदियुम" (सत्य का आनन्द) को प्रकाशित किया।   

संत पापा ने कलीसियाई विश्वविद्यालयों एवं संकयों को नियंत्रित करने के मानदंडों को संशोधित करने के लिए एक नये प्रेरितिक संविधान "वेरितातिस गौदियुम" जारी किया है अर्थात् कलीसियाई विश्वविद्यालयों में ईशशास्त्र, दर्शनशास्त्र और कलीसिया के कानून जैसे विषयों के साथ-साथ कई अन्य विषयों को भी शामिल किया है।

यह संशोधन पिछले प्रेरितिक संविधान "सापिएनत्सा ख्रीस्तीयाना" में किया गया है जो 1979 में वाटिकन द्वितीय महासभा के उपरांत जारी किया गया था। जब से "सापिएनत्सा ख्रीस्तीयाना" का प्रकाशन हुआ है इसमें तीन बार संशोधन हुए हैं और अन्य मानक विषयों को प्रकाशित किया गया है जिसमें कलीसिया के नियम एवं पूर्वी कलीसिया के कानून शामिल हैं।

साथ ही साथ, परमधर्मपीठ ने उच्च शिक्षा एवं अकादमिक डिग्री के लिए पुरस्कार के विभिन्न अनुबंधों को भी स्वीकार किया है। नये प्रेरितिक संविधान के निर्माण का कार्य जो इन परिवर्तनों को प्रस्तुत करता है उसे संत पापा द्वारा काथलिक शिक्षा हेतु गठित परमधर्मपीठीय धर्मसंघ को सौंपा गया था।  

प्रेस सम्मेलन जहाँ वेरितातिस गौदियुम को प्रस्तुत किया गया, काथलिक शिक्षा हेतु गठित परमधर्मपीठीय धर्मसंघ के अध्यक्ष कार्डिनल जुसेप्पे वेरसाल्दी ने कहा कि संत पापा फ्राँसिस ने 13 फरवरी 2014 को उन्हें इस कार्य के लिए प्रोत्साहित किया था जब ‘सापिएनसिया ख्रीस्तीयाना’ की 25वीं वर्षगाँठ मनायी गयी थी। यह उन्हें विश्व के विभिन्न रचनात्मक संस्थानों पर गंभीरता से चिंतन करने तथा शिक्षा, विज्ञान एवं संस्कृति के क्षेत्र में सुसमाचार के जीवित साक्ष्य प्रस्तुत करने के उनके कर्तव्य का मूल्यांकन करने हेतु प्रेरित किया।

कार्डिनल वेरसाल्दी ने कहा कि इस तरह संत पापा ने सापिएनसिया ख्रीस्तीयाना का संशोधन करते हुए नये प्रेरितिक संविधान को जारी करने का निश्चय किया। उन्होंने कहा कि नया प्रेरितिक संविधान उसके अर्थ एवं बुनियादी मानदंड और कलीसियाई अध्ययन में संशोधन लाया गया है खासकर, मिशनरी उन्मुखीकरण के प्रकाश में जैसा कि उन्होंने प्रेरितिक प्रबोधन एवनजेली गौदियुम में जिक्र किया है।

महाधर्माध्यक्ष ज़ानी ने बतलाया कि वेरितातिस गौदियुम दूर से शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगा।

नए संविधान में प्रवासियों और शरणार्थियों के संबंध में भी नियम शामिल हैं, जिसके तहत संस्थान उन लोगों को भी प्रवेश की सुविधा उपलब्ध कराने की प्रक्रियाएं अपनायेगी जिनके पास प्रवेश हेतु आवश्यक दस्तावेज का अभाव हो।








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